सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार
21:1-14
1) बाद में ईसा तिबेरियस के समुद्र के पास, अपने शिष्यों को फिर दिखाई दिये। यह इस प्रकार हुआ।
सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार
21:1-14
1) बाद में ईसा तिबेरियस के समुद्र के पास, अपने शिष्यों को फिर दिखाई दिये। यह इस प्रकार हुआ।
सन्त लूकस के अनुसार सुसमाचार
24:35-48
35) तब उन्होंने भी बताया कि रास्ते में क्या-क्या हुआ और उन्होंने ईसा को रोटी तोड़ते समय कैसे पहचान लिया।
सन्त लूकस के अनुसार सुसमाचार
24: 13-35
13) उसी दिन दो शिष्य इन सब घटनाओं पर बातें करते हुए एम्माउस नामक गाँव जा रहे थे। वह येरूसालेम से कोई चार कोस दूर है।
14) वे आपस में बातचीत और विचार-विमर्श कर ही रहे थे
सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार
20: 11-18
11) मरियम कब्र के पास, बाहर रोती रही। उसने रोते रोते झुककर कब्र के भीतर दृष्टि डाली
सन्त मत्ती के अनुसार सुसमाचार
28: 8-15
8) स्त्रियाँ शीघ्र ही कब्र के पास से चली गयीं और विस्मय तथा आनन्द के साथ उनके शिष्यों को यह समाचार सुनाने दौड़ीं।
सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार
20:1-9
1) मरियम मगदलेना सप्ताह के प्रथम दिन, तडके मुँह अँधेरे ही कब्र के पास पहुँची। उसने देखा कि कब्र पर से पत्थर हटा दिया गया है।
सन्त मत्ती के अनुसार सुसमाचार
8: 1-10
1) विश्राम-दिवस के बाद, सप्ताह के प्रथम दिन, पौ फटते ही, मरियम मगदलेना और दूसरी मरियम कब्र देखने आयीं।
सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार
8: 1-19
1) यह सब कहने के बाद ईसा अपने शिष्यों के साथ केद्रेान नाले के उस पार गये। वहाँ एक बारी थी। उन्होंने अपने शिष्यों के साथ उस में प्रवेश किया।
सन्त मत्ती के अनुसार सुसमाचार
26: 14-25
14) तब बारहों में से एक, यूदस इसकारियोती नामक व्यक्ति ने महायाजकों के पास जा कर