पेत्रुस का अस्वीकरण

सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार
8: 1-19

1) यह सब कहने के बाद ईसा अपने शिष्यों के साथ केद्रेान नाले के उस पार गये। वहाँ एक बारी थी। उन्होंने अपने शिष्यों के साथ उस में प्रवेश किया।

2) उनके विश्वासघाती यूदस को भी वह जगह मालूम थी, क्योंकि ईसा अक्सर अपने शिष्यों के साथ वहाँ गये थे।

3) इसलिये यूदस पलटन और महायाजकों तथा फ़रीसियों के भेजे हुये प्यादों के साथ वहाँ आ पहुँचा। वे लोग लालटेनें मशालें और हथियार लिये थे।

4) ईसा, यह जान कर कि मुझ पर क्या-क्या बीतेगी आगे बढे और उन से बोले, "किसे ढूढतें हो?"

5) उन्होंने उत्तर दिया, "ईसा नाज़री को"। ईसा ने उन से कहा, "मैं वही हूँ"। वहाँ उनका विश्वासघाती यूदस भी उन लोगों के साथ खडा था।

6) जब ईसा ने उन से कहा, ’मैं वही हूँ’ तो वे पीछे हटकर भूमि पर गिर पडे।

7) ईसा ने उन से फि़र पूछा, "किसे ढूढते हो?" वे बोले, "ईसा नाजरी को"।

8) इस पर ईसा ने कहा, "मैं तुम लोगों से कह चुका हूँ कि मैं वही हूँ। यदि तुम मुझे ढूँढ़ते हो तो इन्हें जाने दो।"

9) यह इसलिये हुआ कि उनका यह कथन पूरा हो जाये- तूने मुझ को जिन्हें सौंपा, मैंने उन में से एक का भी सर्वनाश नहीं होने दिया।

10) उस समय सिमोन पेत्रुस ने अपनी तलवार खींच ली और प्रधानयाजक के नौकर पर चलाकर उसका दाहिना कान उडा दिया। उस नौकर का नाम मलखुस था।

11) ईसा ने पेत्रुस से कहा, "तलवार म्यान में कर लो। जो प्याला पिता ने मुझे दिया है क्या मैं उसे नहीं पिऊँ?"

12) तब पलटन, कप्तान और यहूदियों के प्यादों ने ईसा को पकड कर बाँध लिया।

13) वे उन्हें पहले अन्नस के यहाँ ले गये; क्योंकि वह उस वर्ष के प्रधानयाजक कैफस का ससुर था।

14) यह वही कैफस था जिसने यहूदियों को यह परामर्श दिया था- अच्छा यही है कि राष्ट्र के लिये एक ही मनुष्य मरे।

15) सिमोन पेत्रुस और एक दूसरा शिष्य ईसा के पीछे-पीछे चले। यह शिष्य प्रधानयाजक का परिचित था और ईसा के साथ प्रधानयाजक के प्रांगण में गया,

16) किन्तु पेत्रुस फाटक के पास बाहर खडा रहा। इसलिये वह दूसरा शिष्य जो प्रधानयाजक का परिचित था, फि़र बाहर गया और द्वारपाली से कहकर पेत्रुस को भीतर ले आया।

17) द्वारपाली ने पेत्रुस से कहा, "कहीं तुम भी तो उस मनुष्य के शिष्य नहीं हो?" उसने उत्तर दिया, "नहीं हूँ"।

18) जाड़े के कारण नौकर और प्यादे आग सुलगा कर ताप रहे थे। पेत्रुस भी उनके साथ आग तापता रहा।

19) प्रधानयाजक ने ईसा से उनके शिष्यों और उनकी शिक्षा के विषय में पूछा।

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