मोबाइल के दुष प्रभावों से बचे

A Kid is playing mobile phone.

अनचाहे ही टेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण जगह बना ली है। खासतौर पर लैपटॉप और मोबाइल ने। इसमें भी तो मोबाइल ने जैसे हमारे जीवन के हर क्षेत्र में अपनी घुसपैठ कर ली है। यह घड़ी से लेकर केलिन्डर तक और डिक्शनरी से लेकर बुक तक... लेकिन इसके लाभ है तो हानि भी कम नहीं है। हर वक्त मोबाइल फ़ोन साथ रहता है, सुविधा के लिए हम इसे जेब में भी रख लेते हैं। क्या जेब में फोन रखना सुरक्षित है? जेब में मोबाइल फोन रखने से मोबाइल तो सुरक्षित रहता है, लेकिन इसका असर हमारी सेहत पर अच्छा नहीं पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, जब हम मोबाइल को पॉकेट में रखते हैं तो इससे निकलने वाले रेडिएशन और ट्यूमर का गहरा सम्बन्ध है। यही नहीं, मोबाइल से निकलने वाली इन रेडिएशन से डीएनए की संरचना पर भी प्रभाव पड़ता है। साथ ही ह्रदय सम्बन्धी समस्या होने का खतरा भी अधिक रहता है। मोबाइल के दुष्प्रभाव केवल ट्यूमर और ह्रदय सम्बंधित बीमारि तक ही सिमित नहीं है बल्कि जब हम मोबाइल को पेंट की जेब में रखते हैं तो इससे हड्डियों पर काफी बुरा असर पड़ता है। यदि आपको लगता है की पेंट की पिछली जेब में मोबाइल रखकर आप खुदको सुरक्षित रख सकते हैं तो आप गलत हैं क्योंकि पीछे की पॉकेट या जेब में मोबाइल रखने से कमर दर्द की समस्या हो सकती है। यदि आपको लगता है की पेंट की पिछली जेब में मोबाइल रखकर आप खुदको सुरक्षित रख सकते हैं तो आप गलत हैं क्योंकि पीछे की पॉकेट या जेब में मोबाइल रखने से कमर दर्द की समस्या हो सकती है।

अपने बच्चों को भी बचाए इससे

  1. मोबाइल फ़ोन बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायक है। एक अध्ययन से पता चला है की मोबाइल फ़ोन का उपयोग करने वाले बच्चों में मष्तिस्क और कान में नॉन-मेलिगेंट ट्यूमर विकसित होने की आशंका रहती है।
  2. डब्ल्यूएचओ ने सेल फोन रेडिएशन को कैंसर के लिए जिम्मेदार बताया गया है। वयस्कों की तुलना में बच्चे का मस्तिष्क रेडिएशन को 60 प्रतिशत से अधिक अवशोषित करता है।
  3. किशोरों की तरह,यदि बच्चे भी मोबाइल फ़ोन के आदि हो चुके हैं तो इससे उनकी पढाई और प्रभावित हो सकती है। वह मोबाइल फ़ोन पर गेम खेलते है, चाट करते है और अपने दोस्तों से हर समय बात करते है। इससे उनकी पढाई बाधित हो सकती है।
  4. सेल फोन का उपयोग बच्चों को अनुचित व्यवहार में शामिल होने का कारण बन सकता है। सेल फोन या मोबाइल फ़ोन से वह अश्लील साइटो तक भी पहुंच सकता है।

सावधानी रखें

  1. यदि आपका बच्चा १६ साल से काम उम्र का है तो उसे सेल फ़ोन न दे। मोबाइल रेडिएशन के प्रभावों का सामना करने के लिए एक बच्चे का बहुत संवेदनशील होता है।
  2. यदि बच्चा अपने किसी सेज-सम्बन्धी से थोड़ी बात चाहता है तो डायरेक्ट फ़ोन पर बात करने के बजाय उसे एयरटूब हेडसेट लगाकर दे।
  3. अपने बच्चों को बसों, ट्रकों, कारों और लिफ्ट में कॉल करने से रोके।
  4. सिग्नल कमजोर होने पर अपने बच्चे को सेल फोन का उपयोग न करने दें।
  5. आप भी अपने बच्चे के सामने बहुत ही कम फोन यूज कीजिये।

- चार्ल्स सिंगोरिया 

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