इंजेक्शन के जरिए स्पाइन रोगों का उपचार

आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने स्पाइन संबंधी समस्याओं का उपचार अब आसान कर दिया है। ऑपरेशन कराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सर्जरी के बिना ही सिर्फ इंजेक्शन के जरिए स्पाइन रोगों का बेहतर और विश्वसनीय उपचार किया जा रहा हैं। ग्वालियर में यह अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा लेकर आये हैं देश के प्रख्यात स्पाइन विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद पहारिया (एम.बी.बी.एस., डी. ऑर्थो., डीएनबी., एमसीएच. ऑर्थो.)। डॉ. प्रमोद पहारिया देश के अग्रणी अस्पतालों जैसे सर गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली, इंडियन स्पाईनल इंज्युरी सेंटर दिल्ली में वरिष्ट सर्जन के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। स्पाइन चिकित्सा के क्षेत्र में उनका नाम देश में ही नहीं बल्कि विश्वभर में जाना जाता है।

सिर्फ एक इंजेक्शन ही पर्याप्त है।

लंबे समय तक फॉलोअप या विशेष निगरानी की भी जरूरत नहीं है। यह ओपन सर्जरी की तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित है। मरीज को कोई दर्द भी नहीं होता है, हॉस्पिटल में रुकने की भी जरूरत नहीं है। बाहर से आने वाले मरीजों के लिए यह सुविधाजनक है। सर्जरी के दौरान पैरालिसिस, पैराप्लेजिया, ब्लैडर एवं पैरों में कमजोरी, इन्फेक्शन, इन्स्प्लंत फेलियर जैसी समस्याएं एवं दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं वैसे कोई खतरा इंजेक्शन के जरिये चिकित्सा में नहीं है। सर्वाइकल रेडिक्यूलोपैथी, डिजे रेटीव डिस्क, फैसीट जॉइंट सिंड्रोम, डिस्क प्रोलेप्स, लंबर रेडिक्यूलोपैथी, स्पाइन स्टेनोसिस, जैसी स्पाइनल  परिस्थितियों में भी इंजेक्शन के जरिए चिकित्सा लाभदायक है।

यह उपचार आर्थिक रूप से भी किफायती एवं लाभप्रद है।  स्पाइनल रोगों की सर्जरी में जहां 50 हजार से लेकर 2 लाख रूपये तक का खर्चा आता है एवं 1 से 3 माह तक मरीज को अपने काम धंधे से अलग रहकर आर्थिक क्षति उठाना पड़ती है, वहीं इंजेक्शन के जरिए स्पाइन रोग का उपचार मरीज की स्थिति को देखते हुए मात्र 10,000 से 15000 तक में हो जाता है और मरीज तुरंत बाद ही अपने काम पर भी जा सकता है। सेंटर की सफलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र कुछ ही वर्षो में हजारों की संख्या में इंजेक्शन लगवाकर स्पाइन संबंधी समस्याओं से हमेशा के लिए मुक्त हो चुके हैं।

मरीजों का कहना है कि उन्होंने ग्वालियर में इस तरह की उच्च स्तर की अत्याधुनिक स्पाइन चिकित्सा वह भी नाम मात्र के खर्चे पर उपलब्ध होने के बारे में कल्पना भी नहीं की थी। यह इंजेक्शन पर्टिकुलर साइड में लगाया जाता है। इंजेक्शन के जरिए स्पाइन चिकित्सा की सफलता का रेट 95 प्रतिशत है।  इसी कारण स्पाइन रोगी सर्जरी कराने के बजाय इंजेक्शन को प्राथमिकता दे रहे हैं।

चार्ल्स सिंगोरिया 

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