चालिसे का तीसरा सप्ताह (मार्च 25, 2019)

सन्त लूकस के अनुसार
पवित्र सुसमाचार
1ः 26-38

छठे महीने स्वर्गदूत गब्रिएल, ईश्वर की ओर से, गलीलिया के नाजरेत नामक नगर में एक कुँवारी के पास भेजा गया, जिसकी मँगनी दाऊद के घराने के यूसुफ नामक पुरुष से हुई थी, और उस कुँवारी का नाम था मरियम।स्वर्गदूत मे उसके यहाँ अन्दर आ कर उससे कहा, प्रणाम, प्रभु की कृपापात्री! प्रभु आपके साथ है। वह इन शब्दों से घबरा गयी और मन में सोचती रही कि इस प्रणाम का अभिप्राय क्या है। तब स्वर्गदूत ने उस से कहा, मरियम! डरिए नहीं। आप को ईश्वर की कृपा प्राप्त है। देखिए, आप गर्भवती होंगी, पुत्र प्रसव करेंगी और उनका नाम ईसा रखेंगी। वे महान् होंगे और सर्वोच्च प्रभु के पुत्र कहलायेंगे। प्रभु-ईश्वर उन्हें उनके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा, वे याकूब के घराने पर सदा-सर्वदा राज्य करेंगे और उनके राज्य का अन्त नहीं होगा। पर मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह कैसे हो सकता है? मेरा तो पुरुष से संसर्ग नहीं है। स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, पवित्र आत्मा आप पर उतरेगा और सर्वोच्च प्रभु की शक्ति की छाया आप पर पड़ेगी। इसलिए जो आप से उत्पन्न होंगे, वे पवित्र होंगे और ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे। देखिए, बुढ़ापे में आपकी कुटुम्बिनी एलीजबेथ के भी पुत्र होने वाला है। अब उसका, जो बाँझ कहलाती थी, छठा महीना हो रहा है क्योंकि ईश्वर के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है। मरियम ने कहा, देखिए, मैं प्रभु की दासी हूँ। आपका कथन मुझ में पूरा हो जाये। और स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।

यह प्रभु का पवित्र सुसमाचार है।

Add new comment

7 + 6 =