चालिसे का तीसरा रविवार (मार्च 24, 2019)

संत लूकस के अनुसार
पवित्र सुसमाचार
13: 1 – 9

उस समय कुछ लोग ईसा को उन गलीलियों के विषय में बताने आये, जिनका रक्त पिलातुस ने उनके बलि-पशुओं के रक्त में मिला दिया था। ईसा ने उन से कहा, "क्या तुम समझते हो कि ये गलीली अन्य सब गलीलियों से अधिक पापी थे, क्योंकि उन पर ही ऐसी विपत्ति पड़ी? मैं तुम से कहता हूँ, ऐसा नहीं है; लेकिन यदि तुम पश्चात्ताप नहीं करोगे, तो सब-के-सब उसी तरह नष्ट हो जाओगे। अथवा क्या तुम समझते हो कि सिल़ोआम की मीनार के गिरने से जो अठारह व्यक्ति दब कऱ मर गये, वे येरुसालेम के सब निवासियों से अधिक अपराधी थे? मैं तुम से कहता हूँ, ऐसा नहीं है; लेकिन यदि तुम पश्चात्ताप नहीं करोगे, तो सब-के-सब उसी तरह नष्ट हो जाओगे।" तब ईसा ने यह दृष्टान्त सुनाया, "किसी मनुष्य की दाखबारी में एक अंजीर का पेड़ था। वह उस में फल खोजने आया, परन्तु उसे एक भी नहीं मिला। तब उसने दाखबारी के माली से कहा, ’देखो, मैं तीन वर्षों से अंजीर के इस पेड़ में फल खोजने आता हूँ, किन्तु मुझे एक भी नहीं मिलता। इसे काट डालो। यह भूमि को क्यों छेंके हुए हैं?’ परन्तु माली ने उत्तर दिया, ’मालिक! इस वर्ष भी इसे रहने दीजिए। मैं इसके चारों ओर खोद कर खाद दूँगा। यदि यह अगले वर्ष फल दे, तो अच्छा, नहीं तो इसे काट डालिएगा’।"

यह प्रभु का पवित्र सुसमाचार है। 

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