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कोविद-19 वैक्सीन के न्याय संगत वितरण की मांग।
विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यू.एच.ओ. के महानिदेशक गाब्रिएल तेद्रोस ने इस बात पर चिन्ता ज़ाहिर की है कि धनी राष्ट्रों में प्रति 100 लोगों में लगभग 100 वैक्सीन मुहैया कराये जा चुके हैं जबकि, वैक्सीन की कमी के कारण, निर्धन देशों में प्रति 100 लोगों में केवल 1.5 लोगों को ही वैक्सीन उपलब्ध हो सकी है।
संयुक्त राष्ट्र संघीय स्वास्थ्य एजेन्सी डब्ल्यू.एच.ओ. ने बुधवार को एक अपील जारी कर धनी देशों में कम से कम दो माहों के लिये कोविद-वैक्सीन के बूस्टर शॉट्स यानि अतिरिक्त ख़ुराकों के स्थगन का आह्वान किया ताकि विश्व के निर्धन राष्ट्रों के अति दुर्बल लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा सके।
बुधवार को अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में महानिदेशक तेद्रोस ने विकासशील एवं निर्धन देशों तक वैक्सीन की खुराकों को पहुँचाने की एक बार फिर अपील की। उन्होंने स्मरण दिलाया कि मई माह में उन्होंने सितम्बर माह तक विश्व की कम से कम 10 प्रतिशत जनता को वैक्सीन की पहली खुराक उपलब्ध कराये जाने की अपील थी किन्तु इस दिशा में सफलता कम ही मिल पाई है।
धनी और निर्धन के बीच खाई
श्री तेद्रोस ने कहा कि वैक्सीन का न्यायसंगत वितरण केवल कोवैक्स कोविद -19 वैक्सीन में दिखाई दिया है जिसमें डब्ल्यू.एच.ओ. एवं उसकी सहयोगी कम्पनियों द्वारा विश्वव्यापी तौर पर निर्धन राष्ट्रों को स्वास्थ्य सुविधाएँ एवं वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है। इस बात पर उन्होंने खेद व्यक्त किया कि इस सन्दर्भ में विश्व के अमीर देशों ने स्वार्थी रवैया दर्शाया है तथा इस महामारी से लड़ने के लिये अपने यहाँ अतिरिक्त बची खुराकों को निर्धन देशों तक पहुँचाने का कोई प्रयास नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि अमीर देशों के इस व्यवहार को सहा नहीं जा सकता। श्री तेद्रोस ने कहा, "एक ओर हज़ारों लाखों लोग अभी तक वैक्सीन की पहली खुराक भी नहीं ले पायें हैं और दूसरी ओर कुछेक धनी राष्ट्रों में वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक देने की होड़ लग गई है, इस तरह की अन्यायपूर्ण स्थिति को सहा नहीं जाना चाहिये।"
उन्होंने इस बात के प्रति ध्यान आकर्षित कराया कि अब तक विश्व में चार अरब कोविद-19 के विरुद्ध वैक्सीन दी जा चुकी हैं जिनमें से 80 प्रतिशत खुराकें अमीर देशों में उपलब्ध कराई गई हैं जो विश्व जनसंख्या का पचास प्रतिशत से भी कम हैं। डब्ल्यू.एच.ओ. ने स्मरण दिलाया कि जब विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन उपलब्ध नहीं होती तब कोई भी सुरक्षित नहीं है। तेदेरोस ने कहा कि इस मामले में जितनी देरी की जायेगी उतनी ही अधिक वायरस के वैरियन्ट्स की सम्भावानाएं बढ़ेंगी।
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