मास्को में विमान में आग लगने से 41 की मौत

At least 41 people killed after Sukhoi Superjet 100 lands while on fire at Sheremetyevo Airport At least 41 people killed after Sukhoi Superjet 100 lands while on fire at Sheremetyevo Airport

रूस में आपात लैंडिंग को मजबूर हुए विमान के चालक दल और यात्रियों का कहना है कि विमान पर आकाशीय बिजली गिर गई थी।

एयरोलोफ्ट एयरलाइन के इस विमान ने जब रविवार को रूस के शेरेमेतयेवो एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग की तब उसमें आग लग गई।

इस हादसे में विमान में सवार 78 में से 41 लोग मारे गए हैं।

हादसे में ज़िंदा बचे लोगों के बयान आने के बाद विमान पर बिजली गिरने की रिपोर्टें आई हैं।

हालांकि हादसे की जांच कर रहे जांचकर्ताओं ने अभी इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। 
इन ख़बरों को लेकर हैरानी इसलिए जताई जा रही है कि आज के दौर के विमान आकाशीय बिजली से बचने की क्षमता रखते हैं।

रूस की इस सरकारी एयरलाइन की ओर से अभी यही कहा गया है कि विमान तकनीकी कारणों से हवाई अड्डे की ओर लौटा था।

हालांकि यात्रियों का कहना है कि विमान पर उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही बिजली गिर गई थी।

चालक दल के पांच सदस्यों में से भी कुछ का कहना है कि ऐसा लगता है कि विमान का संचार तंत्र बिजली गिरने की वजह से ही ठप हो गया था और वो एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल से संपर्क नहीं साध सके थे.
हादसे में बचे एक यात्री प्योत्र येगोरोव ने कहा, "विमान ने उड़ान भरी ही थी कि बिजली गिर गई. लैंडिंग बहुत मुश्किल थी. मैं तो डर से मर ही गया था।

एक अन्य यात्री मिख़ाइल सेवशेंको ने कहा कि कि उन्होंने आपात द्वार से कूदकर अपनी जान बचाई. विमान के पिछले हिस्से में आग लगी थी।

एक चश्मदीद के मुताबिक विमान जब रनवे पर उतरा तो वो किसी टिड्डे की तरह कूद रहा था।

एक अन्य यात्री दिमित्री ख्लेबुशकिन ने पत्रकारों से कहा, "मैं एयर होस्टेस की वजह से ज़िंदा हूं. वो लड़कियां धुएं से भरे विमान में खड़ी रहीं और यात्रियों को उतरने में मदद करती रहीं. वहां अंधेरा था, बेहद गर्मी थी लेकिन वो लोगों को बाहर निकालती रहीं और नीचे उतारती रहीं।

एयर होस्टेस तात्याना कासात्कीना ने बताया कि विमान के रुकने से पहले ही लोग अपनी सीटें छोड़कर दरवाज़ों की ओर भाग रहे थे. तात्याना के मुताबिक विमान में आग लगी थी और लोग रो रहे थे और अपने रिश्तेदारों को फ़ोन कर रहे थे.
उन्होंने कहा, "ये सब बहुत तेज़ी से हुआ. कुछ सेकंड के भीतर... मैं यात्रियों को बाहर निकाल रही थी. मैं उन्हें कॉलर से पकड़कर बाहर धकेल रही थी ताकि यात्रियों को बाहर निकालने में देरी ना हो।

एयरलाइन का कहना है कि विमान के रुकने के 55 सेकंड बाद ही यात्रियों को बाहर निकालना शुरू कर दिया गया था।

सोशल मीडिया पर यात्रियों के आग की लपटों में घिरे विमान से निकलकर भागने की तस्वीरें भी आई हैं।

एक चश्मदीद एलयोना ओसोकीना ने रूस के टीवी रेन को बताया कि आग विमान को खाए जा रही थी।

उन्होंने कहा, "हमने ये ख़ौफ़नाक मंज़र अपनी आंखों से देखा, विमान में आग लगी थी और वो रनवे पर दौड़ रहा था। 
उड़ाने भरने के कुछ मिनट बाद ही विमान ख़राब मौसम में घिर गया और तकनीकी ख़राबी आ गई।

समाचार एजेंसी के मुताबिक विमान जब उतरा उसका ईंधन टैंक पूरा भरा हुआ था. दरअसल विमान का एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल से संपर्क नहीं हो पाया था।

चालक दल को लगा कि राजधानी मॉस्को के ऊपर ईंधन गिराना सही नहीं होगा.
हादसे की जांच में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक कुल 33 लोग इस हादसे में ज़िंदा बचे जिनमें चालक दल के चार सदस्य हैं।

चालक दल ने तुरंत इसके बारे में सिग्नल भेजा।

रूसी समाचार सेवा इंटरफ़ेक्स के मुताबिक विमान ने दो बार आपात लैंडिंग का प्रयास किया. पहली बार विमान बहुत तेज़ रफ़्तार में था. दूसरे प्रयास के दौरान स्वचलित प्रणाली फेल हो गई।

विमान का निचला हिस्सा रनवे से तीन बार टकराया. कुछ मलबा इंजन में पहुंच गया और विमान में आग लग गई।

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