भारत के युवाओं को अक्टूबर धर्मसभा दस्तावेज का इंतजार

बैंगलोर के युवा

"मसीह जीवित है"- संत पापा फ्राँसिस का यह प्रेरितिक उद्बोधन युवा लोगों के लिए समर्पित है। दस्तावेज़, जिसे 2 अप्रैल मंगलवार को वाटिकन में एक संवाददाता सम्मेलन में जारी किया गया, अक्टूबर 2018 में वाटिकन में आयोजित "युवा पर विश्वास बुलाहट और आत्म परख" पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का फल है।

बैंगलोर महाधर्मप्रांत के युवा आयोग के निदेशक फादर अमरनाथ दिनेश रॉय से वाटिकन संवाददाता सिस्टर कार्मेल आन ने संत पापा के नये प्रेरितिक उद्बोधन के बारे में उनकी और युवाओं की उम्मीदें जानने हेतु संपर्क किया।

फादर रॉय ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि युवा लोगों पर धर्मसभा के बाद यह प्रेरितिक उद्बोधन युवाओं को आश्वासन देता है कि कलीसिया युवाओं के लिए है, कि कलीसिया एक सुरक्षित जगह है जहां उनकी रक्षा की जाती है, उनकी रचनात्मक प्रतिभाओं को स्वीकृति मिली है।

फादर रॉय खुश हैं, कि संत पापा फ्राँसिस ने युवाओं के मुद्दों को संबोधित करने के लिए चुना है। उन्होंने कहा कि कलीसिया में उन्हें आकर्षित करने के लिए, कलीसिया को युवाओं की भाषा बोलनी चाहिए और उन्हें चुनौतियां प्रदान करनी चाहिए।

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