Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
बाल श्रम के संघर्ष में भारत ने की फंड में कटौती
भारत के काथलिक अधिकारी, भारत सरकार द्वारा बाल श्रमिकों के पुनर्वास के लिए सरकारी बजट में भारी कटौती की आलेचना करनेवाले मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं के साथ शामिल हो गये हैं। मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं ने चेतावनी दी है कि सरकार की निष्क्रियता के कारण बाल श्रम की समस्या और अधिक गम्भीर हो गई है।
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
नई दिल्ली (रेई, वाटिकन रेडियो): भारत के काथलिक अधिकारी, भारत सरकार द्वारा बाल श्रमिकों के पुनर्वास के लिए सरकारी बजट में भारी कटौती की आलेचना करनेवाले मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं के साथ शामिल हो गये हैं. मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं ने चेतावनी दी है कि सरकार की निष्क्रियता के कारण बाल श्रम की समस्या और अधिक गम्भीर हो गई है.
बाल श्रमिकों के पुनर्वास, अनुदान में कटौती
भारत में, 2011 के सर्वेक्षण के अनुसार, पाँच वर्ष की आयु से लेकर 14 वर्ष की आयु तक के बाल श्रमिकों की संख्या एक करोड़ दस लाख थी जो अबक करोड़ 27 लाख तक पहुँच गई है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा फरवरी माह के आरम्भ में प्रकाशित बजट में बाल श्रमिकों के पुनर्वास हेतु अनुदान को तीस लाख अमरीकी डॉलर तक कम कर दिया गया है.
धर्माध्यक्ष एलेक्स वाडाकुमथला
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की श्रम समिति के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष एलेक्स वाडाकुमथला ने प्रश्न किया, "क्या वर्तमान में भारत में ससे बड़ी कोई और समस्या है?".
उन्होंने कहा बाल श्रमिकों के पुनर्वास हेतु बजट में कटौती संघीय राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी जिसका उद्देश्य बाल श्रमिकों को मुफ्त शिक्षा, भोजन और स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना है. धर्माध्यक्ष ने कहा, "केवल इसलिये कि बच्चे मतदान नहीं कर सकते इसका अर्थ यह नहीं होना चाहिये कि वे एक सभ्य अस्तित्व के काबिल नहीं हैं." उन्होंने कहा कि बजट में कटौती की कोई वजह नहीं बताई गई है.
भारत में 18 वर्ष की उम्र से कमउम्र वाले बच्चों के लिये मज़दूरी करना मना है किन्तु धर्माध्यक्ष वाडाकुमथला का कहना है कि इस कानून को गम्भीरतापूर्वक लागू करने के लिये कभी भी ठोस प्रयास नहीं किये गये और इसीलिये कई ढाबों एवं रेस्तोराँ और यहाँ तक कि कालीन और पटाखे बनाने की फेक्टरियों में बच्चों से काम कराया जाता है.
Add new comment