कोविड-19 से लड़ने हेतु एस्वातिनी को पोप का समर्थन। 

संत पिता फ्राँसिस ने कोविड-19 महामारी से लड़ने हेतु दक्षिण अफ्रीकी देश एस्वातिनी की मदद की। संत पिता फ्राँसिस ने कोविड-19 से लड़ने हेतु एस्वातिनी के काथलिक अस्पताल सितकी को दो वेंटीलेटर, 10 पैकेट सर्जिकल मास्क, 10 बॉक्स एन 95 मास्क और पल्स जाँच करने के उपकरण प्रदान किये।
बुधवार को एक ब्लॉग पोस्ट में पोप के उपहार के लिए आभार व्यक्त करते हुए, देश के एकमात्र धर्मप्रांत, मंज़िनी के धर्माध्यक्ष जोस लुइस पोंस डी लियोन ने महामारी की शुरुआत के बाद से संत पिता फ्राँसिस की "सक्रिय भूमिका और नेतृत्व" पर प्रकाश डाला।
जैसे ही इटली में लॉकडाउन की घोषणा हुई संत पिता फ्राँसिस ने सभी सार्वजनिक प्रार्थनाओं और आमदर्शन समारोह को स्थगित कर दिया था और सभी विश्वासियों को दुनिया के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया था। उन्होंने 27 मार्च 2020 को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में अकेले उर्बी एत ओरबी प्रार्थना सम्पन्न की थी।  
धर्माध्यक्ष ने कहा कि यह एक विश्वव्यापी लॉकडाउन की तस्वीर थी, साथ ही साथ एक चरवाहे की भी छवि भी जो अपने लोगों के नजदीक रहता है। उन्होंने कहा, "जब वैक्सिन उपलब्ध हुआ तब संत पापा ने तत्काल टीका लगवाया एवं इसके लिए दुनिया को निमंत्रण दिया। उन्होंने वैक्सिन लेने को जीवन बचाना एवं नैतिक कर्तव्य कहा।"  
संत पिता फ्राँसिस के नेतृत्व से प्रेरित धर्माध्यक्ष पोंच दी लेओन ने येसु के शब्दों की याद की जिसको येसु भले समारी के दृष्टांत के अंत में कहते हैं, "जाओ और तुम भी ऐसा ही करो।" (लूकस 10:37)
इस संबंध में धर्माध्यक्ष ने गौर किया कि पोप का उदाहरण न केवल धर्मगुरूओं के लिए है बल्कि हम सभी के लिए है। आज एक भला समारी प्रार्थना करने, कोविड-19 निर्देश का पालन करने, वैक्सिन लेने, दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने और जो जरूरत में हैं उनकी मदद करने के लिए बुलाया जाता है।
एस्वातिनी में महामारी शुरू होने से लेकर अब तक कोविड-19 के करीब 34,000 से अधिक दर्ज मामले है और कुल 900 लोगों की मौत हो गई है। इस समय देश में टीकाकरण का प्रयास जारी है। 

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