दाखबारी के मज़दूर

"जो पिछले हैं, अगले हो जायेंगे और जो अगले है, पिछले हो जायेंगे।"

आज के पाठ हमें दयावान प्रभु की न्याय परायणता एवं असीमित कृपा के विषय की ओर हमारा ध्यान केन्द्रित करते हैं। प्रभु न्यायी एवं दयालु है लेकिन उनकी दया अधिकतर उनके न्याय को अभिभूत करती है और इस वजह से प्रभु हमें बेशर्त क्षमा करते हैं। ईनाम के रूप में वे उदारतापूर्वक यहूदी एवं गैर यहूदियों के लिए स्वर्ग का द्वार खोलते हैं। पहले पाठ में नबी इसायाह बाबुल निर्वासित लोगों को याद दिलाते हैं कि उनका ईश्वर उनसे भी ज्यादा दयालु एवं क्षमाशील है। वे उनकी अविश्वसनीयता को भी क्षमा करने के लिए तैयार हैं जिसकी वजह से आज वे निर्वासित किये गये हैं। वे उन्हें भौतिक एवं आध्यात्मिक वरदानों से विभूषित करेंगे। नबी इसायाह उनका आह्वान करते हैं कि वे बुराई के कार्यों से दूर रहें। दूसरे पाठ में सन्त पौलुस प्रभु की कृपा एवं इच्छा के सामने आत्मसमर्पण करते हैं। वह प्रभु की इच्छानुसार जीने एवं मरने को सदा तत्पर हैं। उनके लिए केवल प्रभु की इच्छा महत्त्वपूर्ण है। आज के सुसमाचार में प्रभु जमींदार के दृष्टांत को दर्शाते हैं जिसने दिन के अलग- अलग समय पर मजदूरों को दाखबारी में कार्य करने के लिए नियुक्त किया पर अन्त में सबको एक समान वेतन दिया। जमींदार की इस अपार उदारता एवं प्यार को प्रभु ने हमारे सामने प्रस्तुत किया गया है। यह दृष्टांत हमारे और प्रभु के परिप्रेक्ष्य को स्पष्ट करता है। इस प्रकार तीनों पाठ प्रभु की उदारता एवं दयालुता को प्रकट करते हैं।

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