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कार्डिनल बो ने रेडियो वेरितास एशिया को मिशनरी बनने का निमंत्रण दिया।
एशियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ के अध्यक्ष कार्डिनल चार्ल्स बो ने 11 अक्टूबर को रेडियो वेरितास एशिया के आरवीए मोबाईल अप्लीकेशन जारी किये जाने के अवसर पर, यांगून स्थित संत मरिया महागिरजाघर में धन्यवादी मिस्सा के दौरान काथलिक स्टेशन को निमंत्रण दिया कि वे एशिया में मिशनरी बने।
कार्डिनल ने कहा, "आरवीए एशिया में सचमुच मिशनरी, एशियाई ख्रीस्तियों की आवाज और जितने लोग इससे जुड़ते हैं उनके लिए आशीर्वाद बन सकता है।" उन्होंने कहा, "ईश्वर ने हमें एशिया में सुसमाचार प्रचार करने के लिए चुना है ताकि इस विशाल महादेश की जनता और विश्वभर में रहनेवाले एशियाई लोग हमारे मिशनरी समर्पण के द्वारा उन्हें सुन सकें। एशिया के लोग जो संस्कृति एवं धर्मों के धनी हैं, वे इसे सुन सकेंगे और ख्रीस्त के सच्चे चिन्ह को पहचान सकेंगे जो हमारे बीच रहते, अपने वचन एवं संस्कारों से हमसे बातें करते हैं।
अतः कार्डिनल बो ने सभी धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोकधर्मियों को निमंत्रण दिया है कि वे इस मोबाईल ऐप को डाउनलॉड करें, जो ईश प्रजा को सुसमाचार सुनने और उसे साझा करने में मदद देता है साथ ही साथ, आध्यात्मिकता रूप से साथ मदद देता है। कार्डिनल ने संत पापा जॉन 23वें की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया जिन्होंने रेडियो वेरितास एशिया की स्थापना के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उन्हें शांति, आनन्द और प्रेरितिक उत्साह के संदेशवाहक कहा। कार्डिनल ने प्रार्थना की कि हम उनसे प्रेरणा ले सकें तथा सुसमाचार प्रचार के बुलावे का पूर्ण रूप से प्रत्युत्तर देने हेतु अपने आप को समर्पित कर सकें।
रेडियो वेरितास एशिया एक शोर्टवेब रेडियो स्टेशन है जो एशियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के नेतृत्व में संचालित है। इसका एक प्राथमिक लक्ष्य हमेशा रहा है चीन, वियतनाम, उत्तर कोरिया और म्यांमार सहित कम्युनिस्ट एवं सैन्य शासित एशियाई देशों में "आवाजहीन" लोगों के लिए एक आकाशीय मंच प्रदान करना।
संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने 1981 में कार्यालय का दौरा किया था और स्टेशन को "एशियाई ख्रीस्तियों की आवाज" कहा था और 1995 में जब रेडियो वेरितास एशिया ने प्रसारण का 25वाँ साल मनाया तब पोप ने इसे एशिया का मिशनरी कहा था। रेडियो को 2017 में डिजिटल रूप दिया गया है जिससे साल में 1.6 मिलियन की बचत हो रही है।
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