डॉ. बेरनीचे किंग ˸ पोप हमें ध्रुवीकरण से बाहर निकलने हेतु प्रेरित करते हैं। 

अमरीकी जब 1963 में डॉ. मार्टिन लुथर किंग जूनियर के जुलूस की याद कर रहे हैं उनकी बेटी डॉ. बेरनीचे किंग ने उस ऐतिहासिक दिन के विरासत पर चिंतन किया है, साथ ही साथ इस बात पर प्रकाश डाला है कि मानव अधिकार आंदोलन के सदस्य पोप फ्राँसिस से क्या प्रेरणा ले सकते हैं। डॉ. बेरनीचे किंग सिर्फ कुछ महीनों की थीं जब उनके पिता डॉ. मार्टिन लुथर किंग जूनियर ने वॉशिंगटन में 28 अगस्त 1963 को एक जुलूस का नेतृत्व किया तथा अपने प्रसिद्ध भाषण "मेरा एक सपना है" को दिया था।
फिर भी, उस दिन के बाद से लगभग छह दशकों तक, उन्होंने डॉ. मार्टिन लूथर किंग, जूनियर के पद को जोश और समर्पण के साथ लिया है और जिसके लिए उन्होंने अपना जीवन दिया। वे अपने पिता के अहिंसा के सिद्धांत को पूरे अमरीका में फैलाना चाहती हैं।  
वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में डॉ. किंग ने अपने पिता की विरासत की याद की एवं संत पिता की प्रेरणा पर चिंतन किया जो मानव अधिकार की रक्षा हेतु प्रोत्साहन देते हैं।
डॉ. किंग ने गौर किया कि उनके पिता एवं उनके पूर्वजों ने "सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए अहिंसक रणनीतियों और कार्यनीतियों की विरासत को छोड़ दिया है।"
उन्होंने कहा, "इतिहास में यही एक समय है जिसको मैं जानती हूँ जब लोगों ने एक साथ, एक खास समय में, दक्षिण के नियम को शाब्दिक रूप से बदल पाये, कुछ ऐसा करने के लिए जो लंबे समय से दक्षिणी समाज में अंतर्निहित थी, जो कानूनी रूप से, कानून द्वारा, अलगाव है।”
डॉ. किंग ने कहा कि उनके पिता सामाजिक एवं राजनीतिक मामलों और संघर्षों का सामने करने के रास्ते पर चले। उन्होंने कहा कि अहिंसा का अधिक अध्ययन और प्रचार किया जाना चाहिए, क्योंकि यह सामाजिक परिवर्तन लाने का एक बहुत प्रभावी साधन है।
वॉशिंगटन में जुलूस की 58वीं वर्षगाँठ के अवसर पर नागरिक अधिकार आंदोलन शनिवार को वाशिंगटन, डीसी और अन्य अमेरिकी शहरों की सड़कों पर "मतदान अधिकारों के लिए फिर से प्रदर्शन कर रहे हैं।"
हाल के वर्षों में इस मुद्दे को सामने लाया गया है, कई कार्यकर्ताओं ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि वे ऐसे कानूनों को देख रहे हैं जो मतदान तक पहुंच में लोगों को बाधित करते हैं। डॉ. किंग ने इस विषय पर ध्यान दिया, और कहा कि आंदोलन करनेवालों को मतदान के अधिकारों की रक्षा के लिए कानून बनाने हेतु बाइडन प्रशासन और कांग्रेस की पैरवी करने की जरूरत है। डॉ. बरनीचे किंग के दिल में संत पापा फ्राँसिस के लिए खास स्थान है। उन्होंने दो बार उनसे व्यक्तिगत मुलाकात की है। संत पिता ने मार्टिन लुथर किंग जूनियर दिवस के अवसर पर एक पत्र भी भेजा था।
डॉ. किंग ने कहा कि संत पिता फ्राँसिस, नागरिक अधिकार आंदोलनकर्ताओं के लिए "मानवीय जुड़ाव और मतभेदों से कैसे ऊपर उठ सकते हैं और एक अधिक शांतिपूर्ण दुनिया के लिए काम कर सकते हैं" इसपर अपना ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा देते हैं।
डॉ. किंग ने कहा कि हम एक-दूसरे से जुड़कर रह सकते हैं, एक साथ काम कर सकते हैं और अलग दृष्टिकोण रखनेवालों के साथ साहसी वार्ताओं द्वारा कठिन सीमा को पार कर सकते हैं।"

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