पोप फ्रांसिस ने शरणार्थियों व आवासहीन लोगों के प्रति सामीप्य व्यक्त। 

संत पिता फ्राँसिस ने वाटिकन के पौल षष्ठम सभागार में "फ्रांसेस्को" नामक डॉक्यूमेंटरी फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए एकत्रित करीब 100 शरणार्थियों एवं बेघर लोगों के बीच आनन्द एवं मुस्कान बिखेरा।
वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक मात्तेओ ब्रूनी के अनुसार संत पापा फ्रांसिस ने सोमवार 6 सितम्बर को करीब 100 शरणार्थी एवं बेघर लोगों से मुलाकात की जिन्हें डॉक्यूमेंटरी फिल्म "फ्रांचेस्को" की स्क्रिनिंग के लिए निमंत्रित किया गया था।
स्क्रीनिंग का आयोजन लौदातो सी फाऊँडेशन ने किया था। फिल्म के निदेशक इवजेंसी अफिनीवस्की ने दर्शकों को सम्बोधित करते हुए अपने ही परिवार के पलायन की याद की जो रूस के मूल निवासी हैं किन्तु उन्हें पहले इस्राएल जाना पड़ा उसके बाद अमरीका।  
विज्ञप्ति के अनुसार डॉक्युमेंटरी प्रस्तुत किये जाने के बाद संत पापा पौल षष्ठम सभागार के परिकोष्ठ में पधारे, जहाँ उन्होंने दर्शकों को सम्बोधित किया। दर्शकों के बीच 20 अफगानिस्तान से आये हुए शरणार्थी थे जो कुछ दिनों पहले इटली आये हैं। संत पापा ने उन्हें स्नेह एवं सांत्वना प्रदान किये।
इन अपगान शरणार्थियों में 14 से 20 वर्ष की आयु के चार भाई-बहन थे, जो संत इजिदियो समुदाय की मदद के लिए इटली पहुंचे हैं। इन भाई-बहनों को अपने माता-पिता को ईरान के शरणार्थी शिविरों में छोड़ना पड़ा है।
चारों भाई-बहनों में सबसे बड़ा बिसमिल्लाह ने वाटिकन रेडियो से पोप फ्रांसिस द्वारा स्वागत, सुनने और समझे जाने की भावना के महत्व के बारे में बात की और बताया कि कैसे संत पापा की उपस्थिति ने उन्हें भविष्य का सामना करने की नई आशा दी। स्क्रीनिंग के लिए एकत्रित लोगों से मिलने के बाद, पोप फ्रांसिस संत मर्था लौटे।

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