महिलाएँ शांति और नवीनीकरण की वाहक।

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 8 अक्टूबर को संस्कृति के लिए परमधर्मपीठीय महिला परामर्श दल के सदस्यों को संदेश भेजा और उन्हें शांति एवं नवीनीकरण के वाहक बनने का प्रोत्साहन दिया।
संस्कृति के लिए परमधर्मपीठीय महिला परामर्श दल को प्रेषित संदेश में पोप फ्राँसिस ने कहा है कि "पहली बार, परिषद ने महिलाओं के दल को सांस्कृतिक परियोजनाओं और दृष्टिकोणों को विकसित करने के लिए शामिल किया है जो न सिर्फ महिलाओं के मुद्दों  से निपटने के लिए है।" उन्होंने कहा कि आपकी सभा उस नवीनता के लिए आकर्षित करती है कि आप परमाध्यक्षीय रोमी कार्यालय का प्रतिनिधित्व करती हैं।  

आपसी सम्मान के लिए एक साथ कार्य :- समाज के जीवन की विभिन्न पहलुओं की महिलाओं से बने परामर्श दल ने गुरुवार को सेमिनार के दौरान पोप फ्राँसिस  की ओर से एक संदेश प्राप्त किया। संत पापा ने कहा, "आपके दृष्टिकोण जितने भी अलग होते हों, आप आपसी सम्मान हेतु मिलकर कार्य करने के उद्देश्य से एक साथ आये हैं।"  

पोप फ्राँसिस ने गौर किया है कि ये तीनों चुनाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये तीनों सुसमाचार प्रचार, सृष्टि एवं भाईचारा के विषयों पर आधारित हैं। "अतः परामर्श दल की भावना पर चिंतन करते हुए यह एक समृद्ध विविधता, बातचीत में समझौता और मित्रता के क्षेत्रों की तलाश करने का प्रयास करती है”।

बौद्धिक और आध्यात्मिक :- पोप फ्राँसिस ने कहा, "इस सभा में आपका उद्देश्य है बौद्धिक और आध्यात्मिक, एकता और विविधता, संगीत और धर्मविधि के बीच एक आधारभूत लक्ष्य के साथ एक संवाद उत्पन्न करना, जो सार्वभौमिक मित्रता और विश्वास का हो। आप इसे महिला आवाज से करती हैं जो बीमार विश्व को चंगाई पाने में मदद देना चाहता है।"

मुक्ति इतिहास में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए पोप फ्राँसिस ने कहा, "एक महिला ही थी जिसने ईश्वर के शब्द का स्वागत किया।" महिलाएँ उस कलीसिया की मुख्य पात्र हैं जो आगे बढ़ती है जब वे दूसरों को सुनतीं और उनकी देखभाल करती, तथा न्याय की सच्ची प्रक्रिया को बढ़ावा देने की क्षमता रखती हैं।  

आशा से प्रेरित :- अंत में, पोप फ्राँसिस ने उन्हें प्रोत्साहन देते हुए कहा, "मैं प्रोत्साहन देता हूँ कि आप शांति और नवीनीकरण के संदेश वाहक बनें। विनम्रता और साहस के साथ उपस्थित होने के लिए नवीनता को समझने और स्वीकार करने तथा एक अधिक भाईचारापूर्ण विश्व की आशा तो प्रेरित करें।" 

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