अपदूतग्रस्त लड़का

सन्त मत्ती के अनुसार सुसमाचार
17: 14-20

जब वे जनसमूह के पास पहुँचे, तो एक मनुष्य आया और ईसा के सामने घुटने टेक कर बोला,

प्रभु! मेरे बेटे पर दया कीजिए। उसे मिरगी का दौरा पड़ा करता है। उसकी हालत बहुत ख़राब है और वह अक्सर आग या पानी में गिर जाता है।

मैं उसे आपके शिष्यों के पास लाया, किन्तु वे उसे चंगा नहीं कर सके।"

ईसा ने कहा, "अविश्वासी और दुष्ट पीढ़ी! मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँ? कब तक तुम्हें सहता रहूँ? उस लड़के को यहाँ ले आओ।"

ईसा ने अपदूत को डांटा और वह लड़के से निकल गया। वह लड़का उसी घड़ी चंगा हो गया।

बाद में शिष्यों ने एकान्त में ईसा के पास आ कर पूछा, "हम लोग उसे क्यों नहीं निकाल सके?

ईसा ने उन से कहा, "अपने विश्वास की कमी के कारण। मैं तुम से यह कहता हूँ - यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी हो और तुम इस पहाड़ से यह कहो, ’यहाँ से वहाँ तक हट जा, तो यह हट जायेगा; और तुम्हारे लिए कुछ भी असम्भव नहीं होगा।

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