अधिकारी की बेटी और रक्तस्राव-पीडिता

सन्त मत्ती के अनुसार सुसमाचार
9:18-26

 

ईसा उन से ये बातें कह ही रहे थे कि एक अधिकारी आया। उसने यह कहते हुए उन्हें दण्डवत् किया, "मेरी बेटी अभी-अभी मर गयी है। आइए, उस पर हाथ रखिए और वह जी जायेगी।"

ईसा उठ कर अपने शिष्यों के साथ उसके पीछे हो लिये।

उस समय एक स्त्री ने, जो बारह बरस से रक्तस्राव से पीड़ित थी, पीछे से आ कर ईसा के कपडे़ का पल्ला छू लिया;

क्योंकि वह मन-ही-मन कहती थी- यदि मैं उनका कपड़ा भर छूने पाऊँ, तो चंगी हो जाऊॅंगी।

ईसा ने मुड़ कर उसे देख लिया और कहा "बेटी, ढारस रखो। तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें चंगा कर दिया है।" और वह स्त्री उसी क्षण चंगी हो गई।

ईसा ने अधिकारी के घर पहुँच कर बाँसुरी बजाने वालों और लोगों को रोते-पीटते देखा और

कहा, "हट जाओ। लड़की नहीं मरी है, सो रही है।" इस पर वे उनकी हॅंसी उड़ाते रहे।

भीड़ बाहर कर दी गयी। तब ईसा ने भीतर जा कर लड़की का हाथ पकड़ा और वह उठ खड़ी हुई।

इस बात की चरचा उस इलाक़े के कोने-कोने में फैल गयी।

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