Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
व्यभिचारिणी का बचाव
सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार
8: 1-11
ईसा जैतून पहाड़ गये। वे बड़े सबेरे फिर मंदिर आये। सारी जनता उनके पास इकट्ठी हो गयी थी और वे बैठ कर लोगों को शिक्षा दे रहे थे। उस समय शास्त्री और फरीसी व्यभिचार में पकड़ी गयी एक स्त्री को ले आये और उसे बीच में खड़ा कर, उन्होंने ईसा से कहा, "गुरुवर! यह स्त्री व्यभिचार करते हुए पकड़ी गयी है। संहिता में मूसा ने हमें ऐसी स्त्रियों को पत्थरों से मार डालने का आदेश दिया है। आप इसके विषय में क्या कहते हैं?" उन्होंने ईसा की और परीक्षा लेते हुए यह कहा, जिससे उन्हें उन पर दोष लगाने का काई आधार मिले। ईसा झुक कर उँगली से भूमि पर लिखते रहे। जब वे उन से उत्तर देने के लिए आग्रह करते रहे, तो ईसा ने सिर उठा कर उन से कहा, "तुम में जो निष्पाप हो, वह इसे सब से पहले पत्थर मारे"। और वे फिर झुक कर भूमि पर लिखने लगे। यह सुन कर बड़ों से ले कर छोटों तक, सब-के-सब , एक-एक कर खिसक ईसा अकेले रह गये और वह स्त्री सामने खड़ी रही। तब ईसा ने सिर उठा कर उस से कहा, "नारी! वे लोग कहाँ हैं? क्या एक ने भी तुम्हें दण्ड नहीं दिया?" उसने उत्तर दिया, "महोदय! एक ने भी नहीं"। इस पर ईसा ने उस से कहा, "मैं भी तुम्हें दण्ड नहीं दूँगा। जाओ और अब से फिर पाप नहीं करना।"
Add new comment