हम दूसरों के दुःख के प्रति उदासीन नहीं हो सकते, पोप फ्रांसिस!

पोप फ्रांसिस का तीसरा विश्वपत्र "फ्रातेल्ली तुत्ती" का प्रकाशन 4 अक्टूबर को किया गया। विश्व पत्र के संदर्भ में संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 5 अक्टूबर को दो ट्वीट किया।

पोप फ्रांसिस ने पहले ट्वीट में लिखा, ʺअपने कार्यों द्वारा, भले सामारी ने यह दिखाया कि प्रत्येक व्यक्ति का अस्तित्व दूसरों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है: जीवन बस यूँही गुजारने का समय नहीं है; जीवन पारस्परिक विचार-विमर्श करने का समय है।ʺ

दूसरे ट्वीट में पोप फ्रांसिस ने लिखा, ʺहम दूसरों के दुःख के प्रति उदासीन नहीं हो सकते। हम किसी को भी समाज से बाहर तिरस्कृत जीवन जीने नहीं दे सकते। इसके बजाय, हमें अपने अलग-थलग अलगाव से उभरने और मानव पीड़ा को कम करने हेतु खुद को चुनौती देना चाहिए। यही मानव गरिमा है।

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