येसु गरीब पैदा हुए, ताकि हमें प्यार में धनी बना सके, संत पिता फ्राँसिस।

संत पिता फ्राँसिस ने रविवार 13 दिसम्बर को दो ट्वीट कर सभी ख्रीस्तियों को प्रभु का खुशी के साथ स्वागत करने हेतु खुद को तैयार करने के लिए प्रेरित किया।
काथलिक कलीसिया आगमन काल के तीसरे रविवार को ‘आनंद का रविवार’ कहती है। प्रभु के आगमन का सभी को आनंद के साथ इन्तजार है। रविवार को संत पिता फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजा घर के प्राँगण में सभी विशावसियों के साथ देवदूत की प्रार्थना का पाठ किया। इसके पूर्व संत पिता फ्राँसिस ने सभी विश्वासियों को अपने बीच बालक येसु का स्वागत करने हेतु खुद को तैयार करने के लिए प्ररित किया। इस दिन रोम के विश्वासी अपने घरों की चरणी में बालक येसु की प्रतिमा को रखने के लिए संत पिता फ्राँसिस द्वारा आशीष दिलाने अपने साथ लाते हैं। देवदूत प्रार्थना के बाद संत पिता फ्राँसिस उन प्रतिमाओं पर आशीष देते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने दो ट्वीट संदेश प्रषित किया।

पहले ट्वीट में संत पिता फ्राँसिस ने लिखा, ʺकुवांरी मरियम ने चुपचाप ईश्वर की मुक्ति के वचन का इंतजार किया, उसने शब्द स्वागत किया, उसने शब्द को ग्रहण किया, उसने शब्द को धारण किया। ईश्वर उनके करीब हो गए। यही कारण है कि कलीसिया मरियम को "हमारे आनंद का कारण" कहती है।ʺ

दूसरे ट्वीट में संत पिता फ्राँसिस ने लिखा, ʺमैं बालक येसु की प्रतिमाओं को आशीष देता हूँ, जिन्हें चरनी में रखा जाएगा। जब आप घर पर चरनी के सामने अपने परिवार के साथ प्रार्थना करते हैं, तो अपने आप को बालक येसु की कोमलता की ओर आकर्षित होने की अनुमति दें,जो हमारे बीच गरीब और कमजोर पैदा हुए, ताकि वे हमें अपना प्यार दे सके।ʺ

संत पिता फ्राँसिस ने सोमवार को ट्वीट में लिखा, ʺआगमन काल हमें प्रभु से मिलने, ईश्वर से मिलने की हमारी इच्छा की परख करने और स्वयं को मसीह की वापसी के लिए तैयार करने का समय है।ʺ

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