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पोप फ्राँसिस ने अफगानिस्तान के लिए प्रार्थना एवं उपवास करने की अपील की।
संत पिता फ्राँसिस ने देवदूत प्रार्थना के उपरांत ख्रीस्तियों से अपील की कि वे अफगानिस्तान के लोगों के प्रति एकात्मता दिखायें, विशेषकर, महिलाओं एवं बच्चों के प्रति जो हाल के दिनों में हिंसक हमलों के शिकार हुए हैं। उन्होंने वेनेजुएला में बाढ़ एवं भूस्खलन के शिकार लोगों के लिए भी प्रार्थना की।
अफगानिस्तान की स्थिति पर गौर करते हुए उन्होंने कहा, "मैं बड़ी चिंता के साथ अफगानिस्तान की स्थिति पर ध्यान दे रहा हूँ तथा उन सभी लोगों के दुःख में सहभागी होता हूँ जो पिछले बृहस्पतिवार के आत्मघाती बम हमले में मौत के शिकार लोगों के लिए शोक मना रहे हैं और जो मदद एवं सुरक्षा की खोज कर रहे हैं। मैं मृतकों को सर्वशक्तिमान ईश्वर की दया को सौंप देता हूँ तथा उन लोगों को धन्यवाद देता हूँ जो बहुत अधिक परेशान लोगों की मदद हेतु काम कर रहे हैं, खासकर, महिलाओं एवं बच्चों के लिए। मैं सभी से आग्रह करता हूँ कि जरूतमंद लोगों की सहायता करें और प्रार्थना करें ताकि वार्ता एवं एकात्मता द्वारा शांति एवं भाईचारा पूर्ण सहअस्तित्व स्थापित हो सके तथा देश के भविष्य को आशा प्रदान किया जा सके। इस तरह के ऐतिहासिक क्षण में हम उदासीन बनकर नहीं रह सकते, कलीसिया का इतिहास हमें यही सीख देती है। ख्रीस्तियों के रूप में यह परिस्थिति हमें प्रतिबद्ध करती है।"
इसके लिए संत पिता फ्राँसिस ने प्रार्थना एवं उपवास करने की सलाह देते हुए कहा, "यही कारण है कि मैं सभी से अपील करता हूँ कि प्रार्थना एवं उपवास को तेज करें। प्रार्थना एवं उपवास तथा प्रार्थना एवं प्रायश्चित को। यह इससे करने का समय है। मैं इसे गंभीरता से बोल रहा हूँ। प्रार्थना और उपवास को तेज करें, ईश्वर से दया और क्षमा की याचना करें।"
तत्पश्चात् संत पिता फ्राँसिस ने वेनेजुएला के मेरिदा के लोगों की याद की जो इन दिनों बाढ़ और भूस्खलन से पीड़ित हैं। उन्होंने इसके कारण मौत के शिकार लोगों एवं उनके परिवारवालों के लिए प्रार्थना की।
"लौदातो सी" आंदोलन
"लौदातो सी" आंदोलन के सदस्यों का अभिवादन करते हुए संत पिता फ्राँसिस ने कहा, "हमारे आमघर के प्रति आपके समर्पण के लिए धन्यवाद, खासकर, सृष्टि के लिए विश्व प्रार्थना दिवस के अवसर पर एवं साथ ही सृष्टि के मौसम के लिए भी। पृथ्वी की पुकार एवं गरीबों का रूदन गंभीर रूप से बढ़ रहा है, खतरे की घंटी बज रही है एवं निर्णय लेने और तत्काल कार्रवाई करने की मांग हो रही है कि इस संकट को एक अवसर में बदला जाए।"
उसके बाद संत पिता फ्राँसिस ने रोम एवं विभिन्न देशों से आये तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, "खासकर मैं सलेशियन नवशिष्यों एवं कलतानिस्सेत्ता के धर्माध्यक्षीय सेमिनरी समुदाय का अभिवादन करता हूँ। मैं जाग्रेब एवं वेनेतो के विश्वासियों, लित्वानिया के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों का अभिवादन करता हूँ। ओसिया सोतो के दृढ़ीकरण संस्कार लेनेवाले युवाओं, माल्टा के युवा जो बुलाहट टूर पर हैं उनका भी अभिवादन करता हूँ। संत पिता फ्राँसिस ने ओरोपा के तीर्थस्थल पर काली माता मरियम का पर्व मनाने के लिए एकत्रित विश्वासियों की याद की। उन्होंने उनके लिए प्रार्थना की कि कुँवारी मरियम ईश प्रजा को पवित्रता की यात्रा में साथ दे।
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