पोप ने जर्मन चांसलर मार्केल का वाटिकन में स्वागत किया। 

जर्मनी की चांसलर अंजेला मारकेल ने 7 अकटूबर को वाटिकन में संत पिता फ्रांसिस से मुलाकात की। हाल के चुनाव के उपरांत नई सरकार बनने के बाद जर्मन नेता पद छोड़ने वाली हैं जिसके पूर्व उन्होंने पोप से यह मुलाकात की।
संत पिता फ्रांसिस ने 7 अक्टूबर को जर्मन चांसलर अंजेला मारकेल का वाटिकन में स्वागत किया जो अपनी अंतिम विदाई के लिए इटली की राजधानी रोम के दौरे पर हैं।
वाटिकन प्रेस कार्यालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि पोप से मुलाकात के उपरांत जर्मन चांसलर ने वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन एवं वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल रिचार्ड गलाघर से भी मुलाकातें कीं।   
वक्तव्य में कहा कहा गया है कि मुलाकात सौहार्दपूर्ण रही जिसमें द्विपक्षीय अच्छे संबंधों एवं परमधर्मपीठ और जर्मनी के बीच निष्ठापूर्ण सहयोग के लिए सराहना व्यक्त की गई।
तत्पश्चात् दोनों पक्षों के नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय और कुछ स्थानीय मूद्दों पर बातें कीं जिनमें खासकर, उन्होंने स्वास्थ्य आपातकाल के प्रभाव एवं पलायन पर चर्चा की।
वाटिकन आने के रास्ते पर मार्केल ने 1850 से प्रकाशित होनेवाली प्रतिष्ठित काथलिक पत्रिका "चिविल्ता कथोलिका" के मुख्यालय का दौरा किया। पोप से मुलाकात के पूर्व उन्होंने संत पेत्रुस महागिरजाघर का भी दर्शन किया।
पोप से मुलाकात के उपरांत मार्केल ने इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी से मुलाकात की और उनके साथ दोपहर का भोजन किया। शाम को वे रोम के कोलोसेयुम में अंतर धार्मिक शांति प्रार्थना में भाग लेंगी जिसका आयोजन संत इजिदियो समुदाय ने किया है। कार्यक्रम का संचालन पोप फ्राँसिस करेंगे जहाँ मार्केल भी लोगों को सम्बोधित करेंगी।  
जर्मनी की चांसलर अंजेला मार्केल 16 वर्षों तक प्रशासन में रहने के बाद पद त्याग करेंगी। उन्हें अक्सर यूरोपीय संघ की वास्तविक नेता और दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिला के रूप में जाना जाता है। पोप फ्रांसिस और चांसलर मार्केल जलवायु परिवर्तन एवं आप्रवासियों के संकट सहित विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त प्रतिबद्धताओं को साझा करते रहे हैं।
67 वर्षीय जर्मन चांसलर ने 2014 से पहले 2011 और 2012 में वरिष्ठ जी7 नेता के रूप में कार्य किया है। 2014 में वे यूरोपीय संघ में सरकार की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली प्रमुख बनीं।

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