पोप की धर्मगुरुओं से अपील:एकता की जड़ बनें, दुनिया को खिलने दें। 

संत पिता फ्राँसिस ने बुडापेस्ट में कलीसियाओं की एकतावर्धक परिषद के प्रतिनिधियों और कुछ यहूदी समुदायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें अतीत के प्रति सतर्क रहने, एकता की जड़ें बनने और दुनिया को खिलने में सक्षम बनाने के लिए कहा।
संत पिता फ्राँसिस की हंगरी की छोटी यात्रा पर दूसरी घटना कलीसियाओं की एकतावर्धक परिषद के प्रतिनिधियों और कुछ यहूदी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक है। संत पिता फ्राँसिस ने बुडापेस्ट के ललित कला संग्रहालय में कलीसियाओं के एकतावर्धक परिषद के प्रतिनिधियों और कुछ यहूदी समुदायों के प्रतिनिधियों के परिचय भाषण के लिए धन्यवाद देते हुए उनके साथ मुलाकात करने की खुशी जाहिर की।
संत पिता फ्राँसिस ने कहा कि ये एकता की महान इच्छा के संकेत हैं। वे हमें उस यात्रा के बारे में बताते हैं, जो पिछले समय में आसान नहीं था, परंतु आपने एकता बनाये रखने के लिए साहस और भली इच्छा के साथ, एक दूसरे का समर्थन किया है, ईश्वर भी एकता में रहने वाले भाइयों और बहनों को आशीर्वाद देते हैं। संत पापा ने सभी ख्रीस्तियों से कहा कि उनकी पूर्ण सहभागिता की ओर निरंतर यात्रा में उनका समर्थन एवं आशीर्वाद है। संत पापा इस देश के आध्यात्मिक केंद्र पन्नोहाल्मा के अभय को याद करते हैं, जहां वे तीन महीने पहले एक साथ चिंतन-प्रार्थना करने के लिए आये हुए थे। एक दूसरे के लिए एक साथ प्रार्थना करने और इस दुनिया के लिए जिसे ईश्वर बहुत प्यार करते हैं, एक दूसरे के साथ दान में सहयोग करने के लिए एकत्रित हुए थे। यही पूर्ण एकता का सबसे ठोस मार्ग है।
संत पिता फ्राँसिस ने कहा, “विश्वास के पिता अब्राहम में मेरे भाइयो, मैं अतीत में हमें अलग करने वाली दीवारों को तोड़ने के आपके प्रयासों की सराहना करता हूँ। यहूदी और ख्रीस्तीय समान रूप से, आप एक दूसरे को अब अजनबी के रूप में नहीं बल्कि मित्र के रूप में, शत्रु के रूप में नहीं बल्कि भाइयों और बहनों के रूप में देखने का प्रयास करते हैं। यह परिवर्तन परमेश्वर द्वारा आशीषित है; यह हृदयपरिवर्तन है जो नई शुरुआत को संभव बनाता है, एक शुद्धिकरण जो नया जीवन लाता है। आप इन दिनों रोश हाशनाह और योम किप्पुर के समारोहों को मना रहे है; मैं इन पर्वों के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूँ, यह आध्यात्मिक नवीकरण और अनुग्रह का समय है। हमारे पूर्वजों के ईश्वर हमें सदैव नई दिशाओं की ओर संकेत करते हैं। वे हमें कड़वाहट और उदासीनता के बंजर रेगिस्तान से निकालकर उस संगति की भूमि में लाना चाहते हैं जिसके लिए हम लंबे समय से तरस रहे हैं।”
संत पिता फ्राँसिस ने अब्राहम का उदाहरण देते हुए कहा कि ईश्वर ने अब्राहम को अपरिचित अज्ञात देश की यात्रा में बुलाया। अब्राहम को अपना घर, परिवार और जन्मभूमि को पीछे छोड़ना पड़ा। उसी तरह जो लोग ईश्वर का अनुसरण करते हैं उन्हें कुछ चीजों को पीछे छोड़ना पड़ता है। हमें भी अपनी पिछली गलतफहमियों को पीछे छोड़ने के लिए कहा जा रहा है, हमारे सही होने का दावा जबकि दूसरे गलत हैं और उस रास्ते पर चलने के लिए कहा जा रहा है जो शांति के ईश्वर की प्रतिज्ञा की ओर ले जाता है। क्योंकि उसकी योजनाएँ हमेशा शांति के लिए होती हैं और कभी भी दुर्भाग्य के लिए नहीं।
संत पिता फ्राँसिस ने बुडापेस्ट शहर के दो हिस्सों को जोड़ने वाले चेन ब्रिज के विचारोत्तेजक छवि पर विचार करते हुए कहा कि पुल उन दो हिस्सों को आपस में नहीं जोड़ता है, बल्कि उन्हें एक साथ रखता है। ऐसा ही हमारे साथ भी होना चाहिए। जब भी हम दूसरे को अपनी ओर मिलाने की जोर जबर्दस्ती करते हैं तो हम निर्माण करने का बजाय तोड़ देते है। पूरे इतिहास में ऐसा कितनी बार हुआ है! हमें सतर्क रहना चाहिए और प्रार्थना करनी चाहिए कि ऐसा दोबारा न हो। हम भाईचारे की शिक्षा को एक साथ बढ़ावा देने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करें, ताकि बंधुत्व को नष्ट करने वाली घृणा का प्रकोप कभी प्रबल न हो। मुझे लगता है कि यूरोप और अन्य जगहों पर अभी भी यहूदी विरोधी भावना का खतरा मंडरा रहा है। यह एक फ्यूज है जिसे जलने नहीं देना चाहिए और इसे शांत करने का सबसे अच्छा तरीका है एक साथ काम करना, सकारात्मक रूप से, और बंधुत्व को बढ़ावा देना।
संत पिता फ्राँसिस ने कहा कि पुल हमें एक और सबक देता है। यह कई छल्लों से बनी बड़ी जंजीरों द्वारा समर्थित है। हम वे छल्ले हैं और हम में से प्रत्येक श्रृंखला के लिए आवश्यक है। संदेह और संघर्ष के शिकार हुए बिना एक-दूसरे को जानने का प्रयास करनी चाहिए, अब हम अलग नहीं रह सकते।
एक पुल जोड़ता है। इस अर्थ में, यह हमें उस अवधारणा की याद दिलाता है, जो पवित्रशास्त्र में व्यवस्थान के ईश्वर हमें अलगाववाद या पक्षपातपूर्ण हितों के आगे नहीं झुकने के लिए कहते हैं। वे नहीं चाहते कि हम दूसरों की कीमत पर खुद को कुछ के साथ जोड़ लें। बल्कि, वे चाहते हैं कि व्यक्ति और समुदाय सभी के साथ सहभागिता का सेतु बनें। इस देश में, आप जो बहुसंख्यक धर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन परिस्थितियों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार हैं जो धार्मिक स्वतंत्रता को सभी के लिए सम्मान और प्रोत्साहित करने में सक्षम बनाती हैं। इसी तरह आप सभी के लिए रोल मॉडल बनने के लिए बुलाए जाते हैं। धर्मगुरुओं के मुंह से विभाजनकारी शब्द कभी न निकले वे खुलेपन और शांति की गवाही दें।
संत पिता फ्राँसिस ने कहा कि चेन ब्रिज न केवल सबसे प्रसिद्ध है, बल्कि शहर में सबसे पुराना भी है। कई पीढ़ियां इसे पार कर चुकी हैं। यह हमें अतीत पर वापस सोचने के लिए आमंत्रित करता है। जहाँ हम दुख और अंधकारमय क्षणों, गलतफहमी और उत्पीड़न का सामना करेंगे, लेकिन गहरे स्तर पर हम एक बड़ी, साझा आध्यात्मिक विरासत पाएंगे। यह बहुमूल्य विरासत हमें एक साथ मिलकर, एक अलग भविष्य का निर्माण करने में सक्षम बना सकती है।

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