"किसी भी तरह के धन से अधिक मूल्यवान है मनुष्य" पोप फ्रांसिस

हम अपने धन का उपयोग अपनी खुशी, अपने आराम के लिए कर सकते हैं या धन का उपयोग दूसरों की मदद करने और आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए कर सकते हैं। संत पापा ने सभी लोगों को धन दौलत से उपर मनुष्य की अहमियत को समझने और रिश्ते बनाने हेतु प्रेरित किया।

येसु ने अपने चेलों से कहा, सूई के नाके से हो कर ऊँट का निकलना अधिक सहज है, किन्तु धनी का ईश्वर के राज्य में प्रवेश करना कठिन है।(मत्ती 19:24) धन के विषय में येसु के इस विचार का कारण यह है कि मनुष्य आसानी से ही उस पर आसक्त हो जाता है। वह धन को प्राप्त करने के लिए अकसर बेईमानी भी करता है। पोप फ्रांसिस ने ट्वीट प्रेषित कर धन का सही उपयोग करने हेतु प्रेरित किया।

पोप फ्रांसिस अपने ट्वीट सन्देश में लिखा ʺधन हमें दीवारें बनाने के लिए मजबूर कर सकता है। येसु, इसके बजाय, अपने शिष्यों को वस्तुओं और धन को रिश्तों में बदलने के लिए आमंत्रित करता है, क्योंकि लोग चीजों से अधिक कीमती हैं, वे हमारे पास मौजूद किसी भी धन की तुलना में अधिक मूल्यवान हैं।ʺ

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