संत पापा ने सैलून नाई लोगों से अच्छे योगदान देने का आग्रह किया

सैलून नाई लोगों के साथ संत पापा फ्राँसिस

 संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को वाटिकन के क्लेमंटीन सभागार में इटली के हेयरड्रेसर, हेयर स्टाइलिस्ट और ब्यूटीशियन एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्हें अपने पेशे में "ईसाई शैली" को प्रोत्साहित करते हुए समाज के सामान्य भलाई में योगदान देने हेतु प्रेरित किया।

संत पापा ने, संत मार्टिन डे पोरेस समुदाय के करीब 230 सदस्यों से मुलाकात की जो इटली के विभिन्न प्रांतों से आये थे जो अपने साप्ताहिक अवकाश सोमवार के दिन और इस वर्ष संयोग से अपने संरक्षक संत के पर्व दिन पर संत पापा से मुलाकात करने आये थे।

संत पापा ने गौर किया कि रोम की तीर्थयात्रा कर संत पेत्रुस के कब्र का दर्शन और संत पेत्रुस के उतराधिकारी के साथ मुलाकात करना ख्रीस्तीय विश्वास की महत्ता, तथा धार्मिक आयाम में उनकी संमुदाय की विशेषता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह, उनके संरक्षक संत मार्टिन के कारण है।

संत पापा ने कहा कि मिश्रित नस्ल के पेरूवासी संत मार्टिन को केवल एक तृतीयक के रूप में और फिर एक धर्मबंधु और सह-कार्यकर्ता के रूप में दोमिनिकन पुरोहितों के धर्मसंघ में स्वीकार किया गया था। उन्होंने इस शर्त को स्वीकार कर लिया, प्यार से और बेहद विनम्रता का जीवन व्यतीत किया। उन्होंने खुद को गरीबों और बीमारों के लिए समर्पित किया, उन्हें स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की। उस समय के रिवाज के अनुसार उन्होंने पहले फार्मेसी सीखीं और फिर एक नाई-सर्जन के सहायक के रूप में अपना पूरा जीवन समर्पित किया।

मार्टिन का जन्म लीमा में 9 दिसम्बर सन् 1579 ई. को हुआ था तथा मृत्यु 3 नवम्बर सन् 1639 ई. में हुई। संत पापा जॉन तेईस्वें ने उन्हें 1962 में संत घोषित किया।

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि "संत मार्टिन डे पोरेस का अपने काम के प्रति विनम्रता और महानता" को देखते हुए संत पापा पॉल छठे ने 1966 में नाई, सैलून बनाने वालों का संरक्षक घोषित किया था। वे "ख्रीस्तीय मूल्यों के निरंतर गवाह बनने में मदद करते हैं।" संत पापा ने उन्हें संत मार्टिन के आदर्श पर चलने हेतु प्रेरित करते हुए कहा,“आप एक ख्रीस्तीय शैली में अपने पेशे का अभ्यास करें, ग्राहकों के साथ दया और शिष्टाचार का व्यवहार करें, और हमेशा उन्हें अच्छी बातों से प्रोत्साहित करें, गपशप के प्रलोभन से बचें, जो आपके कार्य वातावरण में आसानी से प्रवेश कर सकता है, जिसके बारे में हम सभी जानते हैं।”

अंत में, संत पापा ने कहा कि वे अपने "विशिष्ट व्यावसायिक कार्य में, हमेशा धार्मिकता के साथ कार्य करें, इस प्रकार समाज के सामान्य भलाई में वे सकारात्मक योगदान दे पायेंगे।"

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