युवा बुजूर्गों को न छोड़ें- पोप फ्रांसिस

पोप फ्रांसिस ने येसु के नाना-नानी; संत अन्ना और संत ज्वाकिम की याद की तथा युवाओं को प्रोत्साहित किया कि वे बुजूर्गों को न छोड़ें।

पोप फ्रांसिस ने कहा, "येसु के नाना-नानी संत अन्ना और संत ज्वाकिम के पर्व दिवस पर मैं सभी युवाओं को निमंत्रण देना चाहूँगा कि वे बुजूर्गों के प्रति कोमलता का व्यवहार करें, विशेषकर, जो अपने घरों में अकेले हैं, जिन्होंने कई महीनों से अपने प्रियजनों को नहीं देखा है।"

उखाड़ा हुआ पेड़ कभी विकसित नहीं हो सकता:-
पोप फ्रांसिस ने युवाओं को सम्बोधित कर कहा, "ये सभी बुजूर्ग आपके नाना-नानी हैं। उन्हें अकेले न छोड़ें। प्रेम प्रदर्शित करने के रास्तों की खोज करें, उनसे फोन द्वारा सम्पर्क करें, विडियो कॉल करें, संदेश भेजें, उनकी बातों को सुनें और जहाँ संभव है, उनसे मुलाकात करने जाएँ। वे आपकी जड़े हैं। एक उखाड़ा हुआ पेड़ कभी विकसित नहीं हो सकता, न ही खिल सकता और फल ला सकता है। यही कारण है कि अपने मूल से जुड़े रहना इतना महत्वपूर्ण है।" एक कवि के अनुसार पेड़ पर फूल, जमीन के नीचे से पोषण प्राप्त करते हैं। अतः पोप फ्रांसिस ने प्रत्येक जन को आह्वान किया है कि हम ताली बजाकर अपने दादा-दादी के लिए अपना स्नेह प्रकट करें।
तत्पश्चात् संत पापा ने रोम एव विभिन्न देशों से एकत्रित सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया। उन्होंने खासकर, ब्राजील के फ्रांका के विश्वासियों, मोदेरना मोनानतोला महाधर्मप्रांत तथा रोम स्थित संत फाबियानो एवं वेनांन्सियो के युवाओं का अभिवादन किया।

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