मसीह जिसे छूते हैं वह युवा हो जाता है

संत पापा फ्राँसिस युवाओं के साथ

संत पापा ने 3 ट्वीट कर मसीह और कलीसिया को युवा की संज्ञा दी और युवाओं को मसीह से मिलने हेतु प्रेरित किया।

संत पापा फ्राँसिस का युवाओं पर प्रेरितिक उद्बोधन “क्रिस्तुस विवित” का प्रकाशन मंगलवार 2 अप्रैल को किया गया। इस दस्तावेज के आधार पर संत पापा ने मंगलवार को 3 ट्वीट कर मसीह और कलीसिया को युवा की संज्ञा दी और युवा मसीह से मिलने हेतु प्रेरित किया।

पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “मसीह जीवित हैं। वे हमारी आशा हैं और इस दुनिया के सबसे खूबसूरत युवा हैं। वे जिसे भी छूते हैं वह युवा हो जाता है, नया हो जाता है, जीवन से भर जाता है।”

दूसरे ट्वीट में संत पापा ने लिखा,“कलीसिया युवा है जब वह अपने दैनिक जीवन में ईश्वर का वचन, युखारिस्त और मसीह की उपस्थिति और पवित्र आत्मा की शक्ति को ग्रहण करती है। कलीसिया युवा है जब वह खुद को लगातार अपने स्रोत के पास लौटने में सक्षम बनाती है।”

तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “यदि आप उम्र में युवा हैं, लेकिन कमजोर, थके हुए या निराश महसूस करते हैं, तो येसु से अपना नवीनीकरण करने को कहें, क्योंकि उनके साथ, आशा कभी असफल नहीं होती।”

संत पापा ने प्रार्थना करने हेतु प्रेरित करते हुए संदेश में लिखा, “प्रार्थना के माध्यम से हम अपने अहं के घमंड और आत्म-निर्भरता को त्यागना सीखते हैं। इसके लिए हमें प्रभु और उसकी दया की आवश्यकता होती है।”

ट्वीट कर मसीह और कलीसिया को युवा की संज्ञा दी और युवाओं को मसीह से मिलने हेतु प्रेरित किया।

 संत पापा फ्राँसिस का युवाओं पर प्रेरितिक उद्बोधन “क्रिस्तुस विवित” का प्रकाशन मंगलवार 2 अप्रैल को किया गया। इस दस्तावेज के आधार पर संत पापा ने मंगलवार को 3 ट्वीट कर मसीह और कलीसिया को युवा की संज्ञा दी और युवा मसीह से मिलने हेतु प्रेरित किया।

पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “मसीह जीवित हैं। वे हमारी आशा हैं और इस दुनिया के सबसे खूबसूरत युवा हैं। वे जिसे भी छूते हैं वह युवा हो जाता है, नया हो जाता है, जीवन से भर जाता है।”

दूसरे ट्वीट में संत पापा ने लिखा,“कलीसिया युवा है जब वह अपने दैनिक जीवन में ईश्वर का वचन, युखारिस्त और मसीह की उपस्थिति और पवित्र आत्मा की शक्ति को ग्रहण करती है। कलीसिया युवा है जब वह खुद को लगातार अपने स्रोत के पास लौटने में सक्षम बनाती है।”

तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “यदि आप उम्र में युवा हैं, लेकिन कमजोर, थके हुए या निराश महसूस करते हैं, तो येसु से अपना नवीनीकरण करने को कहें, क्योंकि उनके साथ, आशा कभी असफल नहीं होती।”

संत पापा ने प्रार्थना करने हेतु प्रेरित करते हुए संदेश में लिखा, “प्रार्थना के माध्यम से हम अपने अहं के घमंड और आत्म-निर्भरता को त्यागना सीखते हैं। इसके लिए हमें प्रभु और उसकी दया की आवश्यकता होती है।”

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