अपना हृदय कठोर न बनाओं

संत पापा फ्रांसिस ने अपने संदेश में  कहा धरती में नमी बने रहने के लिए उसे जल की जरुरत होती है।उसी तरह मानव हृदय में उर्वारक बनाये रहखने हेतु ईश्वर पर विश्वास करने की आवश्यकता है। ईश्वर के वचनों को सुनना और उन पर विश्वास करना हमारे हृदय को ईश्वर के साथ जोड़ना है।

यदि हम ईश्वर के वचनों को नहीं सुनते तो हमारे हृदय जल बिन धरती की तरह हो जाता है। इसी कारण ही येसु हमसे कहते हैं, “तुम अपना हृदय कठोर न बनाओं।”

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