Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
अंतरराष्ट्रीय कारितास के प्रतिभागियों को संत पापा का संदेश
संत पापा ने अंतरराष्ट्रीय कारितास द्वारा आयोजित 21वीं आम सभा के प्रतिभागियों से मुलाकात की और तीन प्रमुख बिन्दुओः दान देना, अभिन्न विकास और सहभागिता पर अपने विचारों को व्यक्त किया।
संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में अंतरराष्ट्रीय कारितास द्वारा आयोजित 21वीं आम सभा के प्रतिभागियों से मुलाकात की। संत पापा ने कार्डिनल टर्कसन के परिचय भाषण के लिए उन्हें धन्यवाद दिया साथ ही कारितास परिवार के सभी सदस्यों को उनके सहयोग और सेवा के लिए सहृदय धन्यवाद दिया।
इन दिनों में, दुनिया के विभिन्न देशों से आकर, आपने परिसंघ के जीवन में एक महत्वपूर्ण क्षण बिताया है, जिसका उद्देश्य न केवल वैधानिक कर्तव्यों को पूरा करना है, बल्कि पेत्रुस के उत्तराधिकारी के साथ मिलकर पारस्परिक बंधनों को मजबूत किया है। आपके संगठन और परमधर्मपीठ के बीच विशेष कड़ी है जसे संत जॉन पॉल द्वितीय सम्मानित करना चाहते थे।
संत पापा ने तीन प्रमुख मुद्दों, दान देना, अभिन्न विकास और सहभागिता पर अपने विचारों को व्यक्त किया।
दान देनाः
साधारणतः कलीसिया को उदार कार्यों को करने का दायित्व दिया जाता है। दान देना हमारी अंतरात्मा को शांत करने के लिए एक निष्फल प्रदर्शन या एक सरल भेंट नहीं है। हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि दान का मूल स्वयं ईश्वर में है। दान प्रत्येक व्यक्ति के लिए पिता ईश्वर का आलिंगन है तथा गरीब और लाचार ईश्वर के हृदय में विशेष स्थान पाते हैं। यदि हम दान को एक सेवा के रूप में देखते हैं, तो कलीसिया मानवतावादी संगठन बन जाएगी और उदारता की सेवा "रसद विभाग" बन जाएगी। लेकिन कलीसिया इन सबसे बिलकुल अलग है। मसीह हम सभी के लिए, मानवता के लिए और हमारे सामान्य घर के लिए, ईश्वर के प्यार का संकेत और साधन है।
अभिन्न विकासः
मनुष्य ईश्वर के सदृश और उनकी ही प्रतिरुप में बनाया गया है। अतः मनुष्य का सर्वांगीण विकास होना चाहिए। गरीब और दुखी वे व्यक्ति हैं जिनमें स्वयं येसु मसीह छिपे रहते हैं। क्रूसित येसु के शरीर के अंग हैं। अतःहमारा कर्तव्य है कि हम सबसे गरीब, हाशिये पर जीने वालों और इतिहास के तहखानों में भी पहुंच कर माता कलीसिया की विनम्रता और कोमलता के साथ उनके साथ पेश आयें। हमारा लक्ष्य सभी मानव जाति और सभी लोगों के प्रोत्साहन देना है, ताकि वे स्वयं की प्रगति के लेखक और नायक बन सकें। (पोपुलोरुम प्रोग्रेसियो, 34) इसलिए, दान की सेवा को अभिन्न विकास के तहत चुनना चाहिए। हमें संतो के जीवन से सीखना चाहिए जिन्होंने गरीबों और लाचार लोगों के प्रति अपने विशेष प्रेम और प्राथमिकता को दिखाया।
सहभागिताः
तीसरा शब्द है सहभागिता, जो कलीसिया का मुख्य सार है। कलीसिया उद्घोषणा के माध्यम से, ईश्वर के पुत्र, येसु मसीह के जीवन में सहभागी होती है।(1योहन 1: 3) पवित्र आत्मा की सहायता से अपने परिवार और मित्रों के बीच सामुदायिक सहभागिता की शुरुआत हुई। कलीसियाई अंतरराष्ट्रीय कारितास का मिशन, संपूर्ण मानव विकास के कार्यों को सर्वोत्तम तरीके से व्यवस्थित करने हेतु जिम्मेदार है।
संत पापा ने कहा कि दान उन सद्गुणों में सबसे अधिक प्रतिष्ठित है, जिनके कारण मनुष्य ईश्वर की नकल करने में सक्षम हो सकता है, कारितास कार्यकर्ताओं के लिए निंदनीय बात होगी, जो इसे व्यवसाय में बदल देते हैं। वे चारिटी के बारे में बहुत बात करते हैं लेकिन ऐश-आराम की जिन्दगी जीते या अपव्यय करते हैं और यह सुनकर बहुत बुरा गता है कि कुछ चारिटी कार्यकर्ता अधिकारियों और नौकरशाहों में बदल जाते हैं।
उनकी वजह से मैं यह दोहराना चाहूंगा कि चारिटी एक विचार या पवित्र भावना नहीं है, बल्कि मसीह के साथ एक अनुभवात्मक मिलन है; यह ईश्वर के दिल में साथ रहने की इच्छा है जो हमें गरीबों के लिए एक सामान्य प्रेम, स्नेह, एकजुटता आदि रखने के लिए नहीं लेकिन उनमें खुद से मिलने को कहता है। (मत्ती 25, 31-46)
संत पापा ने उनके कार्यों को जारी रखने हेतु प्रोत्साहित करते हुए उन्हें पुनः धन्यवाद दिया और उनपर ईश्वरीय कृपा की कामना की।
Add new comment