पारिवारिक प्रेम पर चिंतन करने का वर्ष।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पिता फ्रांसिस ने विश्वासियों का अभिवादन करते हुए महामारी से पीड़ित परिवारों एवं संक्रमण से लड़नेवाले स्वास्थ्यकर्मियों की याद की।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पिता फ्रांसिस ने संचार माध्यमों से जुड़े सभी विश्वासियों का अभिवादन किया तथा सभी परिवारों को प्रभु को सौंप दिया।

उन्होंने कहा, "मैं परिवारों, दलों एवं आप सभी विश्वासियों का अभिवादन करता हूँ जो संचार माध्यमों के द्वारा देवदूत प्रार्थना में भाग ले रहे हैं। मैं उन परिवारों की विशेष याद करता हूँ जिन्होंने विगत दिनों अपने प्रियजनों को खोया है अथवा महामारी के कारण कष्ट झेला है। मैं उन डॉक्टरों, नर्सों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की याद करता हूँ वायरस के संक्रमण से लड़ने में उनके महान समर्पण ने पारिवारिक जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।"

आज मैं प्रत्येक परिवार को प्रभु को समर्पित करता हूँ, खासकर, जो जीवन की कठिनाइयाँ झेल रहे हैं तथा नसमझी एवं विभाजन के घाव के कारण पीड़ा सह रहे हैं। बेतलेहेम में जन्मे प्रभु, अच्छे रास्ते पर चलने हेतु प्रत्येक को शांति एवं बल प्रदान करे। संत पापा ने पुनः याद दिलाया, "इन तीन शब्दों को न भूलें, जो परिवार में एकजुट होकर जीने में बहुत मददगार हैं ˸ कृपया, धन्यवाद एवं माफ (सॉरी)। 

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