पेत्रुस को परम अधिकार

सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार
21:15-19

15) जलपान के बाद ईसा ने सिमोन पेत्रुस से कहा, "सिमोन योहन के पुत्र! क्या इनकी अपेक्षा तुम मुझे अधिक प्यार करते हो?" उसने उन्हें उत्तर दिया, "जी हाँ प्रभु! आप जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ"। उन्होंने पेत्रुस से कहा, "मेरे मेमनों को चराओ"।

16) ईसा ने दूसरी बार उस से कहा, "सिमोन, योहन के पुत्र! क्या तुम मुझे प्यार करते हो?" उसने उत्तर दिया, "जी हाँ प्रभु! आप जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ"। उन्होंने पेत्रुस से कहा, "मेरी भेडों को चराओ"।

17) ईसा ने तीसरी बार उस से कहा, "सिमोन योहन के पुत्र! क्या तुम मुझे प्यार करते हो?" पेत्रुस को इस से दुःख हुआ कि उन्होंने तीसरी बार उस से यह पूछा, ’क्या तुम मुझे प्यार करते हो’ और उसने ईसा से कहा, "प्रभु! आप को तो सब कुछ मालूम है। आप जानते हैं कि मैं आपको प्यार करता हूँ।“ ईसा ने उससे कहा, मेरी भेड़ों को चराओ"।

18) "मैं तुम से यह कहता हूँ - जवानी में तुम स्वयं अपनी कमर कस कर जहाँ चाहते थे, वहाँ घूमते फिरते थे; लेकिन बुढ़ापे में तुम अपने हाथ फैलाओगे और दूसरा व्यक्ति तुम्हारी कमर कस कर तुम्हें वहाँ ले जायेगा। जहाँ तुम जाना नहीं चाहते।"

19) इन शब्दों से ईसा ने संकेत किया कि किस प्रकार की मृृत्यु से पेत्रुस द्वारा ईश्वर की महिमा का विस्तार होगा। ईसा ने अंत में पेत्रुस से कहा, "मेरा अनुसरण करो"।

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