पवित्र आत्मा की प्रतिज्ञा

सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार
14:15-21

15) यदि तुम मुझे प्यार करोगे तो मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे।

16) मैं पिता से प्रार्थना करूँगा और वह तुम्हें एक दूसरा सहायक प्रदान करेगा, जो सदा तुम्हारे साथ रहेगा।

17) वह सत्य का आत्मा है जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह उसे न तो देखता और न पहचानता है। तुम उसे पहचानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता और तुम में निवास करता है।

18) मैं तुम लोगो को अनाथ छोडकर नहीं जाऊँगा, मैं तुम्हारे पास आऊँगा।

19 थोडे ही समय बाद संसार मुझे फिर नहीं देखेगा। तुम मुझे देखोगे क्योंकि मैं जीवित रहूँगा और तुम भी जीवित रहोगे।

20) उस दिन तुम जान जाओगे कि मैं पिता में हूँ, तुम मुझ में हो और मैं तुम में।

21) जो मेरी आज्ञायें जानता और उनका पालन करता है, वही मुझे प्यार करता है और जो मुझे प्यार करता है, उसे मेरा पिता प्यार करेगा और उसे मैं भी प्यार करूँगा और उस पर अपने को प्रकट करूँगा।

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