धनी युवक

सन्त मत्ती के अनुसार सुसमाचार
19: 16-22

एक व्यक्ति ईसा के पास आ कर बोला, "गुरुवर! अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए मैं कौन-सा भला कार्य करूँ?"

ईसा ने उत्तर दिया, "भले के विषय में मुझ से क्यों पूछते हो? एक ही तो भला है। यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हो, तो आज्ञाओं का पालन करो।"

उसने पूछा, "कौन-सी आज्ञाएं?" ईसा ने कहा, "हत्या मत करो; व्यभिचार मत करो; चोरी मत करो; झूठी गवाही मत दो;

अपने माता-पिता का आदर करो; और अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो"।

नवयुवक ने उन से कहा, "मैने इन सब का पालन किया है। मुझ में किस बात की कमी है?"

ईसा ने उसे उत्तर दिया, "यदि तुम पूर्ण होना चाहते हो, तो जाओ, अपनी सारी सम्पत्ति बेच कर गरीबों को दे दो और स्वर्ग में तुम्हारे लिए पूँजी रखी रहेगी, तब आकर मेरा अनुसरण करो।"

यह सुन कर वह नव-युवक बहुत उदास हो कर चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था।

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