गेरासा के अपदूतग्रस्त

सन्त मत्ती के अनुसार सुसमाचार
8: 28-34

 

जब ईसा समुद्र के उस पार गदरेनियों के प्रदेश पहुँचे, तो दो अपदूत ग्रस्त मनुष्य मक़बरों से निकल कर उनके पास आये। वे इतने उग्र थे कि उस रास्ते से कोई भी आ-जा नहीं सकता था।

वे चिल्ला उठे, "ईश्वर के पुत्र! हम से आपको क्या ? क्या आप यहाँ समय से पहले हमें सताने आये हैं?"

वहाँ कुछ दूरी पर सुअरों का एक वड़ा झुण्ड चर रहा था।

अपदूत यह कहते हुए अनुनय-विनय करते रहे, "यदि आप हम को निकाल ही रहे हैं, तो हमें सूअरों के झुण्ड में भेज दीजिए"।

ईसा ने उन से कहा, "जाओ"। तब अपदूत उन मनुष्यों से निकल कर सूअरों में जा घुसे और सारा झुण्ड तेज़ी से ढाल पर से समुद्र में कूद पड़ा और पानी में डूब कर मर गया।

 सूअर चराने वाले भाग गये और जा कर पूरा समाचार और अपदूत ग्रस्तों के साथ जो कुछ हुआ, यह सब उन्होंने नगर में सुनाया।

इस पर सारा नगर ईसा से मिलने निकला और उन्हें देखकर लोगों ने निवेदन किया कि वह उनके प्रदेश से चले जायें।

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