आगमन का चैथा रविवार

आगमन का चौथा रविवार
वर्ष- 'अ' 22 दिसम्बर 2K19
पहला पाठ: इसायाह 7:10-14; दूसरा पाठ: रोमियों 1:1-7; सुसमाचार: सन्त मत्ती 1:18-24

"एम्मानुएल" यह शब्द हमारे लिए कोई मामूली शब्द नहीं है। इस शब्द के द्वारा मनुष्य का ईश्वर से पुनः मिलन हुआ था। 700 ईसा पूर्व नबी इसायाह ने इस बारे में भविष्यवाणी की थी। "एक कुँवारी गर्भवती है। वह एक पुत्र को प्रसव करेगी और वह उसका नाम इम्मानूएल रखेगी। जिसका अर्थ हैः ईश्वर हमारे साथ है।"
आज के तीनों पाठ हमें मानव मुक्ति के लिए ईश्वर की प्रतिज्ञा के विषय में बतलाते है। आज के पहले पाठ में हम सुनते है कि नबी आहाज ईश्वर से चिन्ह मांगने से इंकार कर देता है क्योंकि वह ईश्वर पूर्ण श्रद्धा रखता था। फिर भी ईश्वर उसे एक चिन्ह देता है जो मनुष्य के प्रति ईश्वर के अपार प्रेम को प्रकट करता है साथ ही मानव मुक्ति के लिए एक आशा प्रदान करता है। आज के दूसरे पाठ मं  सन्त पौलुस नबियों द्वारा की गयी  मानव मुक्ति की भविष्यवाणी एवं प्रतिज्ञा के विषय में बतलाते है। साथ ही सन्त पौलुस हमें अपनी बुलाहट पहचानकर, सुसमाचार के प्रचार में अपना -अपना योगदान देने के लिए आमंत्रित करते है। आज के पवित्र सुसमाचार हमें नबी इसायाह द्वारा की गयी प्रतिज्ञा को नए विधान में पूरा होते हुए बतलाता है। हम सुसमाचार में सुनते है कि यूसुफ को स्वप्न के ज़रिये ईश्वर का संदेश मिलता है। उन्हें मरियम के समान ईश-दर्शन प्राप्त नहीं हुआ था। स्वप्न हमारे लिये सच्चाई नहीं होता पर यूसुफ उसे ईश्वर का आदेश मानकर उसका पालन करते हैं।
करीब 700 ईसा पूर्व की भविष्यवाणी जो ईश्वर की ओर से एक चिन्ह था, आज कोई आशा करने वाली चीज़ नहीं बल्कि वह एक सच्चाई बन गयी है कि- ईश्वर हमारे साथ है। पुराने विधान में यह एक आशा करने का विषय था लेकिन नए विधान में यह पूर्ण होने वाला विषय बना। 
साथ ही आज माता कलीसिया आगमन काल की चौथी बैंगनी मोमबत्ती जलाती है। जिसे देवदूत मोमबत्ती या "एंजल्स कैंडल" कहा जाता है। यह मोमबत्ती शांति का प्रतिनिधित्व करती है। 
आज जब हम ख्रीस्त जयन्ती बिलकुल नजदीक आ पहुंचे है तो हम एक बार पुनः अपने हृदय को जाँचे, कुछ चीज़े जो बाकी रह गयी थी उन्हें पूरा करे। और ख्रीस्त जयंती मनाने के लिए स्वयं को शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से तैयार रखें।

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