सीरिया के शरणार्थी शिविरों में दर्जनों बच्चों की मौत। 

सेव द चिल्ड्रेन (बच्चों की रक्षा करें) की एक रिपोर्ट अनुसार 2021 के शुरू से करीब 62 बच्चों की मौत हुई है। मौत का कारण कुपोषण, बीमारी, स्वच्छता का अभाव एवं आगजनी बतलाया गया है। दो बच्चों की हत्या हुई है।
सीरिया के दो शरणार्थी शिविरों में साल 2021 के शुरू से लेकर अब तक करीब 62 बच्चों की मौत हुई है जो विदेशी नाबालिगों को वापस लाने की "तत्काल आवश्यकता" की पुष्टि करता है, जिनका जीवन असुरक्षित है और जो भविष्य की संभावनाओं से वंचित हैं।।
यह चेतावनी सेव द चिल्ड्रेन संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट "मैं कब जीना शुरू करूँगा?" दी गई है जो अल-होल और रोज के केंद्रों में "अस्थिर" स्थितियों का वर्णन करता है। कुर्द बलों द्वारा नियंत्रित शिविरों ने इस्लामिक स्टेट के विदेशी जिहादियों के परिवारों सहित लगभग 40 हजार बच्चों और हजारों विस्थापितों को आश्रय दिया है।
2021 के शुरु से प्रति सप्ताह नाबालिगों में कम से कम दो मौतें हुई हैं। कारणों में कुपोषण, बीमारी, खराब स्वच्छता की स्थिति और टेंट के अंदर लगनेवाली आग शामिल हैं। साल के पहले नौ महीनों में दो शिविरों में कुल 73 हत्याओं में से दो बच्चों की हत्या हुई है।
अन्य समस्याएँ हैं- कि वे शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं। इसके साथ ही कई मामलों में 11 साल के बच्चों को काम करने के लिए मजबूत किया गया है।
सेव द चिल्ड्रेन ने रिपोर्ट में बतलाया है कि अल-होल में हिंसा एक दैनिक घटना है हत्याएं, हत्या के प्रयास, हमले और आगजनी एक सामान्य घटना है"।
लेबनान की 11 साल की मरियम के समान कई बच्चे हैं जो "इस तरह का जीवन अधिक नहीं जी सकते क्योंकि यह सिर्फ इंतजार है।" मरियम की मौत हो गई, उसकी माँ घायल है और उसके भाई शरणार्थी शिविर से भागने की कोशिश में लापता हैं।  
इस बीच देश पूर्ण रूप से आपातकालीन स्थिति से गुजर रहा है, कोविड-19 की नई लहर से सरकारी नियंत्रण क्षेत्र एवं विद्रोही और चरमपंथी ताकतों के कब्जेवाले क्षेत्रों, दोनों में संक्रमण बढ़ रही है। पिछले 24 घंटों में महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक मामले (235) दर्ज किए गए हैं। अन्य देशों की तुलना में यह निश्चय ही एक उच्च आंकड़ा नहीं है, लेकिन यह माना जाना चाहिए कि वास्तविक आंकड़े को हमेशा कम करके आंका जाता है, जबकि कोविड टेस्ट स्थिति के सटीक आकलन के लिए अपर्याप्त हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट अनुसार, अब तक कुल 18 मिलियन निवासियों में से केवल 440 हजार एंटी-कोविड वैक्सीन की खुराक दी गई है।

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