राँची के धर्माध्यक्षों द्वारा वृक्षारोपन। 

राँची के धर्माध्यक्षों ने राँची से लगभग 23 किलोमीटर दूर जमगई गाँव में वृक्षारोपन कर गाँववालों को पौधा रोपने का प्रोत्साहन दिया। छोटानागपुर के प्रेरित फादर कॉन्सटंट लीबंस ने छोटानागपुर में सुसमाचार प्रचार का कार्य इसी गाँव से शुरू किया था।
राँची महाधर्मप्रांत के सचिव फादर सुशील टोप्पो भी इसी गाँव के हैं उन्होंने बतलाया कि हालांकि फादर लीबंस को यहाँ अधिक सफलता नहीं मिली थी लेकिन यही वह गाँव है जहाँ उन्होंने आदिवासी भाषाओं को सीखा, आदिवासी संस्कृति के साथ उनका परिचय हुआ और आदिवासियों की समस्याओं के बारे पहली बार जानकारी मिली। ग्रामीणों ने उनकी स्मृति में एक विशाल इमली पेड़ के नीचे एक स्मारक स्वरूप पत्थर स्थापित किया है जिसकी छाया में फादर लीबंस गाँववालों से मुलाकात करते थे। उन्हें धन्य घोषित करने की प्रक्रिया रोम में आगे बढ़ रही है।
राँची महाधर्मप्रांत ने यहाँ की सांस्कृतिक समृद्धि को ध्यान में रखते हुए और आदिवासी लोकाचार को दर्शाते हुए एक तीर्थस्थल बनाने की योजना बनायी है। 27 जुलाई 2021 को महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो ये.स., राँची के महाधर्माध्यक्ष और धर्माध्यक्ष थियोदोर मस्करेन्हास एसएफएक्स, राँची के सहायक धर्माध्यक्ष ने इस योजना को पर्यावर्णीय रूप दिया।
महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो ने पौधों पर आशीष दी तथा प्रार्थना करते हुए वृक्षरोपन की शुरूआत की। उसके बाद धर्माध्यक्ष थियोदार ने भी वृक्ष लगाया। हुलहुंडू के पल्ली पुरोहित फादर हुबर्तुस बेक, फादर फिलीप मिंज, फादर सुशील टोप्पो और फादर रोशन तिडू ने भी वृक्षारोपन में भाग लिया। इसके साथ ही गाँववालों ने भी कुछ पेड़ लगाये। इस मौके पर गाँव के सभापति श्री राजन तिड़ू, सिमोन तिड़ू, जोसेफ तिड़ू, विलियम, शालू, मिलन शीतल आदि ने वृक्षारोपन में सहयोग दिया। अंत में, श्रीमती उर्सुला तिरू ने जमगई के विकास में उनके प्रयासों और विशेषकर, गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों के लिए उनकी देखभाल एवं चिंता करने के लिए धर्माध्यक्षों, पुरोहितों और राँची महाधर्मप्रांत को धन्यवाद दिया।  

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