पाकिस्तान के ईसाई और अन्य विश्वासियों के साथ क्रिसमस समारोह।

कराची के कार्डिनल जोसेफ काउट्स ने सद्भाव, शांति और एकजुटता की भावना के साथ क्रिसमस का जश्न मनाने के लिए संत पैट्रिक महागिरजाघऱ में आयोजित एक कार्यक्रम में सभी ईसाई कलीसियाओं और अन्य धर्मों के सदस्यों को आमंत्रित किया।

दक्षिणी बंदरगाह शहर कराची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जोसेफ काउट्स ने 12 दिसंबर को संत पैट्रिक महागिरजाघर में पूर्व-क्रिसमस समारोह में ख्रीस्तियों और अन्य धर्मों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया। कार्डिनल ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा “हमें न केवल जश्न मनाने के लिए इकट्ठा होना चाहिए, बल्कि एक दूसरे के कठिन समय में भी हमें एकजुट होना होगा।“

कठिनाइयों में एकजुटता:- उन्होंने याद किया कि 2015 में, इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा इस्माइली समुदाय पर हमले के बाद शहर के धर्मगुरु एक साथ इकट्ठा हुए थे, जिसमें 45 लोग मारे गए थे। "हमने धार्मिक नेताओं को आमंत्रित किया और उनसे पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध किया था।" उन्होंने कहा, "इस घटना को अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय मीडिया द्वारा व्यापक रूप से कवर किया गया था।"

75 वर्षीय कार्डिनल ने कहा कि यह घटना "एक समय में हमारे लिए एकता का स्रोत बन गई जब कराची में बहुत अधिक आतंकवाद और अशांति थी।" उन्होंने बताया कि इस शहर ने अनेक प्रतिष्ठित मानवतावादी नेताओं को वजूद में लाया हैः अब्दुल सितार एधी, जो एडी फाउंडेशन और अन्य उदार पहलों के लिए जाने जाते हैं, काथलिक सिस्टर डॉ रुथ पिफौ, जिन्होंने हैन्सन की बीमारी या कुष्ठ रोग से लड़ने के लिए अपना जीवन समर्पित किया,  हकीम मुहम्मद सैयद, एक चिकित्सा शोधकर्ता और परोपकारी  और कई अन्य लोग जिन्होंने "हिंसा को चुनौती दी और शांति का प्रसार किया।"  कार्डिनल कॉउट्स ने कहा कि हमें वास्तविक परिवर्तन के लिए जमीनी स्तर पर शांति और सद्भाव का संदेश फैलाना होगा।

अल्बरका वेलफेयर ट्रस्ट इंटरनेशनल के महासचिव और शांति और सद्भाव के लिए अंतरधार्मिक कमीशन के महासचिव अल्लामा अहसान सिद्दीकी ने सभी उपस्थित लोगों से "छोटे अच्छे कदम" के साथ शांति और भाईचारे का निर्माण करने का आग्रह किया।  उन्होंने कहा, "हमारे समाज में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यह केवल तभी किया जा सकता है जब सभी "एकजुट होकर, घृणा का परित्याग और प्यार की घोषणा करते हैं।"

सिद्दीकी ने कहा "एक दिन हम खुद को गर्व से बता पाएंगे कि हम उस देश से हैं, जिसकी स्थापना मुहम्मद अली जिन्ना ने की थी। एक समावेशी पाकिस्तान का उनका सपना सच हो जाएगा।"

अल्पसंख्यकों के अधिकारों हेतु एकजुटता:- एक हिंदू विधायक मंगला शर्मा  ने विभिन्न धार्मिक समूहों के लोगों के बीच पारस्परिक सद्भाव और संवाद को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए ईसाई समुदाय को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के समान अधिकारों के लिए ऐसी पहल को संगठित और सभी के द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय न्याय और शांति आयोग के निदेशक फादर सालेह डिएगो ने ईसाई कलीसियाओं और अंतरधार्मिक संगठन द्वारा एकता की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, "हम सभी ईसाइयों, हिंदुओं और सिखों को एकजुट होना चाहिए और शांति एवं न्याय के लिए के एक साथ खड़ा होना चाहिए।" "हमारा प्रभु न्याय का ईश्वर है और यदि हम एकजुट हैं और एक साथ खड़े हैं तो सब कुछ संभव है।"

अतरराष्ट्रीय रफा मिशन के अध्यक्ष पादरी सुलेमान मंज़ूर ने 20 दिसंबर रविवार को क्रिसमस शांति रैली में शामिल होने के लिए मुस्लिमों, हिंदुओं, सिखों, पारसी और अन्य समुदायों को आमंत्रित किया। यह क्रिसमस शांति रैली ईसाई कब्रिस्तान से शुरू होगा और कराची प्रेस क्लब में समाप्त होगा।

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