धर्मांतरण के दावों पर भारतीय पुलिस ने की ईसाई विवाह की जांच। 

मध्यप्रदेश के इन्दौर शहर में बुधवार को हिन्दु चरमपंथियों ने यह दावा कर कि वधु को बलपूर्वक हिन्दू से ईसाई बनाया जा रहा था एक विवाह समारोह को भंग कर दिया।
मध्य प्रदेश में हिंदू कार्यकर्ताओं के इस दावे के बाद कि दुल्हन ईसाई धर्म में परिवर्तित हिंदू थी, पुलिस ने एक प्रोटेस्टेंट दम्पत्ति के विवाह की जांच शुरू कर दी है। हालांकि वर और वधु दोनों के परिवारों ने आरोपों से इनकार किया है, लेकिन हंगामे के कारण वर-वधु तथा दोनों परिवारों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। इन्दौर में सेवारत पास्टर पत्रस साविल ने गुरुवार को ऊका समाचार को बताया कि हिन्दु कार्यकर्त्ताओं के आरोप ग़लत साबित होने के बाद वर-वधु तथा उनके दोनों परिवारों को मुक्त कर दिया गया।
पास्टर पत्रस साविल ने कहा, "नवविवाहित दम्पत्ति ईसाई हैं और धर्म परिवर्तन के झूठे आरोप के आधार पर उनके विवाह समारोह में खलल डाला गया था।"
ईसाईयों और उनके कल्याणकारी कार्यों का विरोध करने वाले दक्षिणपंथी हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के एक पदाधिकारी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने शादी की जांच शुरू कर दी है।
मध्यप्रदेश मे काथलिक कलीसिया के जनसम्पर्क अधिकारी फादर मरिया स्टीवन ने कहा, "यह बड़े खेद की बात है कि ख्रीस्तीयों को उनके धर्मपालन और विश्वास के लिए लक्षित किया जाता है।"
ग़ौरतलब है कि जनवरी माह में मध्यप्रदेश सरकार ने तीन दशक पुराने धर्मातरण विरोधी कानून में संशोधन किया था जिसके बाद से ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हमलों में वृद्धि हुई है।
फादर स्टीवन के अनुसार,  नए धर्मांतरण विरोधी कानून ने विनाशकारी तत्वों को मज़बूत किया है जो अब बिना सबूत के किसी पर भी धर्म परिवर्तन का आरोप लगा सकते हैं। कानून के अनुसार आरोपी द्वारा अपनी बेगुनाही साबित करना अनिवार्य है।

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