कर्नाटक में महामारी से पीड़ित लोगों की सहायता। 

बेंगलूरू के 6 बड़े ख्रीस्तीय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एक साथ मिलकर, महामारी से पीड़ित लोगों की मदद कर रहे हैं।
गैर सरकारी संगठन "आशा" के संस्थापक एवं भारत के काथलिक स्वास्थ्य संगठन के राष्ट्रीय सचिव फादर जॉर्ज कन्नानथानाम ने उका न्यूज को बतलाया कि ख्रीस्तीय गैर सरकारी संगठन द्वारा महामारी में राहत का कार्यक्रम 25 अप्रैल को शुरू हुआ जब 30 लोगों की मदद की गई थी। अब हरेक दिन 1000 लोगों की मदद दी जा रही है।
फादर जॉर्ज ने बतलाया कि संगठन के स्वयंसेवक बिना रूके महामारी के बावजूद शहर के चारों ओर घूमते एवं महामारी से प्रभावित लोगों के लिए खाद्य सामग्री बांटते हैं जिसमें चावल, रोटी, दाल, सब्जी और अण्डा होते हैं।
उन्होंने बतलाया कि कोरोना की पहली लहर में बेंगलूरू के 26,000 लोगों के बीच एक लाख से अधिक मास्क बांटे थे, साथ ही कुष्ठ रोगी, एचआईवी से पीड़ित, विकलांग एवं शरणार्थियों और प्रवासियों की मदद की थी।
फादर ने बतलाया कि कर्नाटक के सुदूर जंगलों में जाकर 1,500 आदिवासी परिवारों की मदद 40,000 भोजन पैकेट देकर की थी। स्वयंसेवक, एम्बुलेंस ड्राइवर लोगों के पास भी पहुँचते थे जिन्हें दाह संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है और सड़कों पर भिखारियों को भी खाना दी। उन्होंने कहा कि "अब हम भारतीय मूल के डॉक्टरों के ब्रिटिश एसोसिएशन के साथ सहयोग कर रहे हैं और केरल में वेयान्ड जिला के कोविड प्रभावित 1,000 आदिवासी परिवारों को भोजन प्रदान कर रहे हैं। हमारा अंतिम प्रयास है प्राथमिक सेवा प्रदान करने के लिए बेंगलूरू में कोविड चिकित्सा केंद्र की स्थापना करना क्योंकि अस्पतालों में बेड की बुरी तरह कमी हो गई है।"  
8 मई को कर्नाटक में कोविड-19 के 47,563 नये मामले दर्ज किये गये थे और 482 लोगों की मौत हो गई थी। पूरे भारत में कुल 22 मिलियन लोग संक्रमित हैं और महामारी के शुरू से लेकर अब तक कुल 2,40,000 मौतें हुई हैं।  

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