एशियाई धर्माध्यक्षों का ऑनलाईन सम्प्रेषण माध्यम पाठ्यक्रम शुरु।

एशियाई काथलिक धर्माध्यक्षों ने छः जनवरी 2021 को, फिलीपिन्स की राजधानी मनीला स्थित सामाजिक सम्प्रेषण माध्यम संस्थान, वेरीतास एशिया से "व्यासकॉम" नामक सामाजिक सम्प्रेषण सम्बन्धी तीन ऑनलाईन पाठ्यक्रमों का उदघाटन किया है।

व्यासकॉम पाठ्यक्रम:- ऑनलाईन पाठ्यक्रम पहल की प्रस्तुति ज़ूम मंच पर आयोजित एक वरचुएल सम्मेलन के माध्यम से हुई, जिसमें एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के सामाजिक सम्प्रेषण कार्यालय के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष रॉबर्टो मल्लारी ने भाग लिया। इस अवसर पर महाधर्माध्यक्ष मल्लारी ने कहा, "संचार एंव सम्प्रेषण कलीसिया के  मिशन के लिए केंद्रीय हैं, इसलिये कि प्रभु ईश्वर ख़ुद मानव के साथ  संचार करते हैं।"

पाठ्यक्रमों का उद्देश्य "एशियाई प्रेरितिक कार्यकर्त्ताओं के बीच गतिशीलता को बढ़ावा देना है, ताकि उन्हें प्रभावी मिशन के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त करने में मदद मिल सके।"
उक्त कार्यालय के उपाध्यक्ष फादर जॉर्ज प्लाथोट्टम ने स्पष्ट किया कि उक्त पाठ्यक्रम ऑनलाइन और साथ ही उपस्थिति में भी सम्भव होंगे, ताकि कोविद विरोधी नियमों का पूर्ण अनुपालन करते हुए सूचना प्रसारण को "समयबद्धता" सहित सुविधाजनक बनाया जा सके।

कलीसिया का मिशन सबके लिये:- फादर पलाथोट्टम ने कहा कि छः जनवरी को आरम्भ पाठ्यक्रम, "एशियाई सन्दर्भ में प्रेरितिक कार्यकर्त्ताओं को नवीन तकनीकी एवं नवीन मीडिया द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों का सामना करने हेतु उपयुक्त अस्त्र प्रदान कर सकेगा।"

फादर प्लाथोट्टम ने कहा, "एशिया में कलीसिया का मिशन सभी लोगों के लिए है", सन्त पापा पौल षष्टम का यह वाक्य, आज भी समसामयिक है, विशेष रूप से, जब एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों का संघ एफ.ए.बी.सी. अपनी स्वर्ण जयन्ती मना रहा है। ग़ौरतलब है कि एशियाई देशों में सन्त पापा पौल षष्टम की प्रेरितिक यात्रा के उपरान्त सन् 1970 में एफ.ए.बी.सी. की स्थापना हुई थी।   

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