अफगानिस्तान में संकट पर मानव बंधुत्व पर उच्च समिति की चिंता। 

मानव बंधुत्व के लिए उच्च समिति का कहना है कि "अफगानिस्तान के लिए यह शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का आलिंगन करने तथा मानव बंधुत्व एवं सहिष्णुता के सिद्धांतों का समर्थन करने का समय है। समिति ने बिगड़ते मानवीय संकट के लिए अपनी "गहरी चिंता" व्यक्त की है।
शुक्रवार को जारी एक बयान में मानव बंधुत्व के लिए उच्च समिति ने कहा कि वह बड़ी चिंता के साथ अफगानिस्तान की स्थिति को देख रहा है, खासकर, देश में बढ़ती मानवीय संकट को।
उच्च समिति ने जोर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानी लोगों के प्रति अपनी मानवीय जिम्मेदारी को नहीं छोड़ना चाहिए। इसने मानव अधिकार एवं मानव स्वतंत्रता की रक्षा का आह्वान किया है, खासकर, अफगानिस्तान की महिलाओं के अधिकार की रक्षा हो।
साथ ही साथ, उन्होंने "अफगानी समाज में विभिन्न जाति, भाषा और धर्म के लोगों के लिए किसी दल के प्रति भेदभाव किये बिना सम्मान देने एवं सभी लोगों के प्रति समानता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।"
अंत में, उच्च समिति ने अफगानों को "दशकों की लड़ाई, युद्ध और रक्तपात को समाप्त करने हेतु सामूहिक रूप से काम करने को कहा है तथा याद दिलाया है कि "यह अफगानिस्तान के लिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को अपनाने और अपने सभी लोगों के बीच मानव बंधुत्व और सहिष्णुता के सिद्धांतों को बनाए रखने का समय है।"
मानव बंधुत्व के लिए उच्च समिति का गठन 2019 में अल अजहर के ग्रैंड ईमाम अहमद अल तायेब एवं पोप फ्राँसिस के बीच मानव बंधुत्व के दस्तावेज पर हस्ताक्षर के साथ हुआ था। इसका मिशन है सभी लोगों को मानव भाईचारा के मूल्य को जीने के लिए प्रेरित करना। 

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