सिस्टर मरिया कार्मेन और उनकी 13 साथियों को धन्य घोषित किया गया

सिस्टर मरिया कार्मेन लाकाबा अंदिया और उनकी 13 साथियाँ

सिस्टर मरिया कार्मेन लाकाबा अंदिया और उनकी 13 साथियों की धन्य घोषणा 22 जून को मडरिड के संत मरिया ला रेयाल दे ला अलमुदेना महागिरजाघर में सम्पन्न हुआ। वे फ्राँसिसकन ऑर्डर के निष्कलंक गर्भागमन धर्मसमाज की सदस्य थीं। परमधर्मपीठीय संत प्रकरण परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल अंजेलो बेचू ने धन्य घोषणा समारोह का अनुष्ठान किया।

फ्राँसिसकन ऑर्डर के निष्कलंक गर्भागमन धर्मसमाज की सिस्टर मरिया कार्मेन एवं 13 अन्य धर्मबहनें स्पेन में गृहयुद्ध के दौरान शहीद हो गयीं थीं। इनमें से 10 को 8 नवम्बर 1936 में मडरिड के निकट गोली मार दी गयी थी किन्तु उनका शरीर कभी नहीं मिला। वे मडरिड के निकट लास रोजास स्थित एकांतमठवास की धर्मबहनें थीं, जिसपर रिपब्लिकन लड़ाकुओं ने कब्जा कर लिया था। जुलाई 1936 में उन्हें उनके मठ से खदेड़ दिया गया, तब धर्मबहनों ने मडरिड में शरण ली किन्तु वे अराजकतावादियों की शिकार हुईं, जिन्होंने उन्हें अपहरण कर लिया। उन्हें अपमानित एवं प्रताड़ित किया, उनपर धर्म का विरोध करने का दबाव डाला और अंत में उन्हें मौत की सजा दी।

परमधर्मपीठीय संत प्रकरण परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल अंजेलो बेचू ने धन्य घोषणा समारोह में संत पौलुस के शब्दों की याद करते हुए कहा, "मैं बड़ी खुशी से अपनी दुर्बलताओं पर गौरव करूँगा, जिससे मसीह का सामर्थ्य मुझ पर छाया रहे। मैं मसीह के कारण अपनी दुर्बलताओं पर, अपमानों, कष्टों, अत्याचारों और संकटों पर गर्व करता हूँ; क्योंकि मैं जब दुर्बल हूँ, तभी बलवान् हूँ।

उन्होंने कहा कि संत पौलुस के इन शब्दों को आज हम निष्कलंक गर्भागमन की फ्राँसिसकन ऑर्डर की 14 धर्मबहनों पर लागू कर सकते हैं जो स्पेन की कलीसिया को समाप्त करने के लिए जारी धार्मिक अत्याचार के दौरान शहीद हो गयीं थीं। वे विश्वास में दृढ़ बनी रहीं। अपमान, पीड़ा और उत्पीड़न के सामने भयभीत नहीं हुईं। अपने होठों से जिस विश्वास की घोषणा उन्होंने की थी उसपर येसु की शहादत के साथ अपने विश्वास, आशा एवं प्रेम द्वारा वे अपने जीवन की मूहर लगाने के लिए तैयार थीं। 

Add new comment

2 + 0 =