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यमन में हैजा की स्थिति से बच्चों का जीवन खतरे में -
साल 2019 के शुरू से लेकर अब तक यमन में करीबन एक लाख बच्चे हैजा से प्रभावित पाये गये हैं जिनकी उम्र 15 वर्ष से कम है, जो कि विगत साल की तुलना में दुगुनी है।
हाल ही में देश में आयी हिंसक बारिश, अचानक बाढ़, ईंधन की कमी और लगातार हो रही झड़पों ने अंतरराष्ट्रीय संगठन, अंडरलाइन्स सेव द चिल्ड्रन के कार्य को और भी जटिल बना दिया है। संगठन की सूचनाओं के आधार पर बच्चों में 45 प्रतिशत हैजा की नई समास्यएं पाई गई हैं। विशेष रूप से, 1 जनवरी से 19 अप्रैल 2019 के बीच, 2,36,550 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1,05,384 मामलों में 15 साल से कम उम्र के बच्चे शिकार हैं। इनमें से लगभग आधे मामले पिछले महीने दर्ज किये गये हैं जो पिछले साल की तुलना में नौ गुणा अधिक है।
तेल की कमी और उनकी कीमतों में उछाल के कारण सीवेज सिस्टम के परिचालन क्षमता, स्वच्छ पानी की आपूर्ति और अपशिष्ट संग्रह पर प्रभाव डाला है। यातायात के खर्च को वहन नहीं कर पाने के कारण बहुत से परिवार अपने बच्चों को अस्पतालों तक ले जाने में असमर्थ हैं। कीमतों में उछाल के कारण बहुत से लोगों स्वच्छ जल मुहैया करने में असमर्थ होने के कारण दूषित जल का उपयोग कर रहे हैं।
बच्चों की सुरक्षा संगठन के अनुसार युद्धग्रस्त क्षेत्रों में हैजे का प्रकोप और भी तेजी से हो सकता है। देश के उत्तरी पश्चिम भाग में स्थित हज्जाह शहर युद्ध में फंसे रहने के कारण दो लाख से अधिक लोगों के लिए खाद्य सामग्री की व्यवस्था करने में असक्षम है।
सन् 2017 में हैजे की महामारी से 1 मिलियन लोगों के प्रभावित होने के बाद सन 2018 में आधा देश इससे प्रभावित होता रहा है। पिछले साल अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने युद्ध प्रभावित यमन हेतु 2.6 विलियन डालर आवंटन की घोषणा की थी जिसमें 65 प्रतिशत राशि केवल मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति हुए जरूरी है।
तामीर किरोलोस, बच्चों की सुरक्षा संगठन के संचालक ने कहा, “देश के विभिन्न भागों में हैजा पुनः फैलने की स्थिति में है। युद्ध की स्थिति के कारण लोग अपने घरों को छोड़ने में बाध्य हैं जो उनमें भूखमरी और कुपोषण की स्थिति को उत्पन्न करता है साथ इसका व्यापक असर उनके स्वास्थ्य में पड़ रहा है। अन्तरराष्ट्रीय सहायता राशि लोगों के बीच पहुँचने में देर है लेकिन हमें हैजा से बचाव हेतु शीघ्र ही कदम उठाना है।”
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