भारत में गिरजाघरों की सुरक्षा का आह्वान

श्री लंका में आतंकवादी हमलों के बाद भारत के ख्रीस्तीयों की एकात्मता प्रार्थना

केरल राज्य में, पुलिस द्वारा इस्लामिक आतंकवादी समूहों से संबंध रखनेवाले एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के उपरान्त भारत के ईसाई नेताओं ने गिरजाघरों को सुरक्षित रखने हेतु अपने आह्वान को तीव्र कर दिया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

केरल राज्य में, पुलिस द्वारा इस्लामिक आतंकवादी समूहों से संबंध रखनेवाले एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के उपरान्त भारत के ईसाई नेताओं ने गिरजाघरों को सुरक्षित रखने हेतु अपने आह्वान को तीव्र कर दिया है।

 

केरल में आतंकवादी की गिरफ्तारी

पुलिस ने 28 वर्षीय रियाज़ अब्बूबकर उर्फ़ अबू दूज़ानन को 29 अप्रैल को केरल स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति आईएस आतंकवादी समूह से सम्बन्धित है।

 

पुलिस के मुताबिक, आईएस से जुड़ा एक चार सदस्यीय समूह केरल में पर्यटन स्थलों और धार्मिक स्थलों पर आत्मघाती हमलों की योजना बना रहा था, जैसा कि ईस्टर रविवार को श्रीलंका में गिरजाघरों और होटलों पर हमले किये गये थे। इन हमलों में कम से कम 252 लोग मारे गए थे।

 

भारत सरकार से अपील

नई दिल्ली स्थित ख्रीस्तीय राज़नैतिक पर्यवेक्षक ए.जे. फिलिप ने कहा, भारत सरकार को देश में ईसाइयों सहित सभी अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ किसी भी प्रकार के हमले की पूर्व योजना को निरस्त करना चाहिये। उन्होंने कहा, ''हम अपने गिरजाघरों को बंद नहीं रख सकते। हम एक ऐसे व्यक्ति को नहीं रोक सकते जो बम लेकर आता और हम सबको उड़ा देता है। इन बुराइयों पर अंकुश लगाना सरकार का काम है जिसे उसे प्राथमिकता देनी चाहिये। ''

 

इसी बीच, मुम्बई स्थित काथलिक नेता जोसफ डायस ने कहा कि केरल में आतंकवादी की गिरफ्तारी सम्पूर्ण भारत के ख्रीस्तीयों के लिये एक सदमे की तरह है क्योंकि आईएस इस्लामिक आतंकवादियों के ख़तरे के साथ-साथ भारत के ख्रीस्तीय हिन्दू उग्रवादियों एवं अतिवादियों के कहर को भी झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सरकार एवं भारतीय गुप्तचर एजन्सियों को इस प्रकार के सभी ख़तरों को राष्ट्र से निरस्त करने के लिये ठोस कदम उठाने चाहिये।

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