फ्राँसिस्कन मिशन की 50वीं वर्षगांठ पर संत पापा का संबोधन

Pope meets with members of the Franciscan Mission Centre Foundation

संत पापा फ्राँसिस ने फ्राँसिसकन मिशन मुख्यालय के पुरोहितों और लोक मिशनरियों से मुलाकात की और उन्हें लोगों की भलाई और सृष्टी की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ बने रहने हेतु प्रेरित किया।

संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन में उनका सहर्ष स्वागत करते हुए फादर मथियस मैयर को उनके परिचय भाषण के लिए धन्यवाद दिया। संत पापा ने कहा, “आप फ्रायर धर्मसंघियों और समर्पित लोगों के समुदाय के रुप में लोगों को सभी लोगों के प्रति ईमानदारी से काम करने की प्रेरणा देते हैं और लोगों को जरूरतमंदों और हाशिए पर जीने वालों के बेहतर भविष्य करने के लिए उनके पास जाने हेतु प्रेरित करते हैं। इस प्रकार येसु के वचन को हमेशा एक ठोस तरीके से महसूस किया जाता है, “तुमने मेरे इन भाइयों में से किसी एक के लिए, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो, जो कुछ किया वह तुमने मेरे लिए ही किया।” (मत्ती, 25:40)

मिशन की पहल
संत पापा ने फ्राँसिस्कन मिशन के प्रथम निर्देशक फादर एंड्रियास म्यूलर को धन्यवाद दिया, जिन्होंने 50 वर्ष पहले बोन-बैड गॉड्सबर्ग पल्ली में इसकी पहल की थी। फादर म्यूलर संत फ्राँसिस असीसी के समान ही गरीब रहना चाहते थे और लोगों की गरीबी को महसूस करना चाहते थे। इस तरह उसने मसीह की शांति को पाया और ईश्वर की अनुकम्पा पर जीवन बिताया। इस भावना में, मामूली पहल के साथ यह मिशनरी केंद्र, आज उदारता, एकजुटता और बंधुत्व के एक विश्वव्यापी नेटवर्क को बुनने में सक्षम हो गया है।

मिशन के आदर्श
संत पापा ने फ्राँसिस असीसी का उदाहरण देते हुए कहा कि असीसी के फ्राँसिस को येसु ने कहा, "फ्रांसिस, जाओ और मेरे घर की मरम्मत करो, जैसा कि तुम देख रहे हो, सब बर्बाद हो गया है"। यह सुनकर फ्राँसिस उस समय की कलीसिया में उपस्थित खामियों के सभी अनुभवों के बावजूद, एक ठोस तरीके से सुसमाचार को जीने के लिए निकल पड़े। आज भी हम कभी-कभी कलीसिया की खामियों के कारण पीड़ित होते हैं। संत पापा ने कहा कि क्रूस पर से बोले गये येसु के शब्द हम सभी के लिए एक चुनौती है। अपने नवीनीकरण के लिए प्रभु को सुनना बहुत जरुरी है। आप सबसे पहले अपने जीवन और अपने विश्वास की गवाही द्वारा उन लोगों को प्रेरित करें जो अच्छे भविष्य के लिए अपने को प्रतिबद्ध करना चाहते हैं।

अंत में संत पापा फ्राँसिस ने फ्राँसिस्कन खुशी और आत्मविश्वास की कामना करते हुए सभी लोगों की भलाई और सृष्टि की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ बने रहने हेतु प्रेरित किया और उन्हें अपना आशीर्वाद दिया।

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