Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
ख्रीस्तियों ने लगाया चयनात्मक एफसीआरए जांच का आरोप
कलीसिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने 24 मई को झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से शिकायत की कि राज्य प्रशासन ने ईसाई संस्थानों द्वारा प्राप्त विदेशी फंडों की "चयनात्मक" जांच की है।
"ऑल क्रिश्चयन मीडिया सेल" के चार प्रतिनिधियों द्वारा राज्यपाल को उनके कार्यालय में सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि "केवल ख्रीस्तीय संस्थानों की जांच "सरकार के भेदभावपूर्ण रुख को दर्शाता है" तथा भारतीय संविधान का उल्लंघन है।
जाँच की शुरूआत
प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व राँची महाधर्मप्रांत के सहायक धर्माध्यक्ष तेलेस्फोर बिलुंग ने की, जिन्होंने कहा है कि ख्रीस्तीय संस्थानों में इस समस्या की शुरूआत 13 जुलाई 2018 को हुई जब झारखंड के मुख्य सचिव को संघीय गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त हुआ। सचिव ने तब राज्य के आपराधिक जांच विभाग से कहा कि वह विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम या एफसीआरए के तहत पंजीकृत 88 ईसाई संस्थानों द्वारा धर्मपरिवर्तन के लिए "विदेशी फंड के कथित दुरुपयोग" के बारे में पूछताछ करे।
विदेशों से धन प्राप्त करने और उसके प्रयोग के लिए एफसीआरए पंजीकरण अनिवार्य है।
इस प्रकार सीआईडी के झारखंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने राज्य के 18 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को ख्रीस्तीय संस्थानों की जांच करने का निर्देश दिया।
केवल ख्रीस्तीय संस्थाओं में जाँच
ज्ञापन में कहा गया है कि ख्रीस्तीय संस्थाएँ आतंकवाद नियंत्रण दस्ते द्वारा भेजे जाने वाले नोटिस के समान ही सूचना प्राप्त करते हैं। हालांकि झारखंड में कुल 518 एफसीआरए संस्थान हैं किन्तु केवल वे ही संस्थाएँ जांच का सामना कर रही हैं जो ख्रीस्तियों द्वारा प्रबंधित हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि ख्रीस्तीय संस्थाओं को "जाँच का पालन पूरी तरह से करना है" लेकिन आरोप अभी तक आधिकारिक रूप से साबित नहीं किया जा सका है।
संबंधित पुलिस अधीक्षक ने अगस्त 2018 में जाँच के लिए ख्रीस्तीय संस्थाओं को नोटिस जारी किया था।
प्रतिनिधिमंडल का राज्यपाल से आग्रह
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि या तो झारखंड में सभी एफसीआरए पंजीकृत संस्थाओं की जांच की जाए अथवा ख्रीस्तीय संस्थाओं की जांच के आदेश को रद्द कर, सभी नागरिकों के प्रति निष्पक्षता और समानता के संवैधानिक दायित्व को सुनिश्चित किय जाए।
प्रतिनिधिमंडल के अनुसार राज्यपाल के साथ उनकी मुलाकात काफी सौहार्दपूर्ण रही तथा ज्ञापन में, उनकी शिकायत को अनुकूल तरीके से देखने का वादा किया गया।
Add new comment