कार्डिनल न्यूमन , भारत की सिस्टर तेरेसिया और तीन अन्य लोग शीघ्र ही सन्त घोषित होंगे !

सिस्टर तेरेसिया और कार्डिनल न्यूमन

रोम में आगामी सप्ताह सन्त पापा फ्राँसिस ने पाँच धन्य आत्माओं की सन्त घोषणा पर निर्णय हेतु कार्डिनलमण्डल की साधारण लोक सभा का आह्वान किया है। इन धन्य आत्माओं में इंग्लैण्ड के कार्डिनल जॉन हेनरी न्यूमन तथा भारत की सिस्टर मरियम तेरेसिया भी शामिल हैं।

सन्त घोषणा हेतु विशिष्ट सभा

सन्त पापा के धर्मविधिक समारोहों का आयोजन करनेवाले परमधर्मपीठीय कार्यालय ने गुरुवार को एक सूचना प्रकाशित कर बताया कि आगामी पहली जुलाई को सन्त पापा फ्राँसिस वाटिकन स्थित सन्त क्लेमेनतीन सभागृह में, पाँच धन्य आत्माओं की सन्त घोषणा के लिये, पवित्र घड़ी तथा कार्डिनलमण्डल की साधारण लोक सभा की अध्यक्षता करेंगे। ये धन्य आत्माएँ हैं,

- सन्त फिलिप नेरी प्रार्थनागृह के संस्थापक, इंग्लैण्ड के कार्डिनल जॉन हेनरी न्यूमन;

- सन्त कामिल्लुस को समर्पित धर्मसंघ की संस्थापिका इटली की सि. जुसेप्पिना वान्नीनी;

- पवित्र परिवार को समर्पित होली फैमिली धर्मसंघ की संस्थापिका भारत की सि. मरियम तेरेसिया चिरामल मानकीदियान;

- निष्कलंक ईश माता मरियम को समर्पित मिशनरी धर्मसंघ की संस्थापिका ब्राज़ील की सि. दूलसे लोपेज़ पोन्तेस;

- असीसी के सन्त फ्राँसिस को समर्पित लोकधर्मी कुंवारियों के संघ की संस्थापिका स्विटज़रलैण्ड की मार्ग्रेट बेस।

विगत 12 फरवरी को सन्त पापा फ्राँसिस कार्डिनल न्यूमन तथा सि. मरियम तेरेसिया की मध्यस्थता से सम्पन्न चमत्कारों से सम्बन्धित आज्ञप्तियों के प्रकाशन की अनुमति प्रदान की थी।

कार्डिनल न्यूमन एवं सिस्टर तेरेसिया
21 फरवरी 1801 को लंदन में जन्मे कार्डिनल जॉन हेनरी न्यूमन का 11 अगस्त 1890 को एजबेस्टन में निधन हो गया था। कार्डिनल न्यूमन एक एंग्लिकन पुरोहित थे जिन्होंने बाद में काथलिक कलीसिया का आलिंगन कर लिया था। अपने समय के विख्यात धर्मशास्त्री और कवि कार्डिनल न्यूमन का इंग्लैण्ड के धार्मिक इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। 19 सितम्बर 2010 को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कार्डिनल न्यूमन को धन्य घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया था। उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध कृतियों में भजन एवं कविता "लीड काईन्डली लाइट" को गिना जाता है।

सिरोमलाबार काथलिक कलीसिया की सि. तेरेसिया चीरामल मानकीदियान का जन्म केरल के पुथेनचीरा में 26 अप्रैल 1876 ई. को हुआ था। 08 जून 1926 ई. को कूज़ीकाट्टूसेर्री में उनका निधन हो गया था। निर्धनतम लोगों के प्रति अपने कल्याणकारी कार्यों के लिये सि. तेरेसिया विख्यात हैं। रोम में 09 अप्रैल सन् 2000 को सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने सि. तेरेसिया को धन्य घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया था।

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