साप्ताहिक कलीसियाई समाचार | नवम्बर II

  • जेल में स्टेन स्वामी ने सिपर कप की गुहार लगाई, NIA ने जवाब देने को 20 दिन का वक्त मांगा।
  • भारत के ख्रीस्तियों ने दलित मुक्ति रविवार मनाया।
  • गोवा में 16 वीं शताब्दी के ऐतिहासिक यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सी कैथेड्रल में चोर घुस गए और नकदी और इलेक्ट्रॉनिक सामान ले गए।
  • प्रधानमंत्री मोदी जी ने जेसुइट की मौत पर शोक जताया।
  • संत पिता ने अफ्रीका में अपहरण के शिकार पुरोहित से मुलाकात की।
  • आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में  St. Teresa of Child Jesus Minor Seminary को फिर से शुरू किया गया।
  • ईसाई महिला की मौत में बलात्कारऔर हत्या का संदेह।
  • माता बेर्नादेत्त एवं सहयोगियों के पवित्र अवशेष की घर वापसी की रजत जयन्ती मनाई गई।
  • वारिस मजहर ने अन्य धर्मों के साथ आपसी समझ को बढ़ाने का आग्रह  किया।

 

जेल में स्टेन स्वामी ने सिपर कप की गुहार लगाई, NIA ने जवाब देने को 20 दिन का वक्त मांगा

"आदिवासियों के अधिकार के लिए कार्य करने वाले फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) ने पर्किंसन रोग (Parkinson) का हवाला देते हुए जेल में चाय आदि पीने के लिए स्ट्रा-सिपर कप (बंद कप और पाइप) की मांग की है. हालांकि एनआईए (NIA) ने इस पर जवाब देने के लिए 20 दिन का वक्त मांगा है. 83 साल के फादर स्टेन स्वामी (Stan Swamy) पर्किंसन रोग से ग्रसित हैं, इससे उनका नर्वस सिस्टम कमजोर होता जा रहा है और अचानक ही उनके हाथ-पैर में कंपन होता है या मांसपेशियों में अकड़न होती है. इस कारण उन्हें रोजमर्रा के कामकाज यहां तक कि कुछ खाने-पीने में भी दिक्कत होती है. यहां तक कि फादर स्टेन स्वामी को कुछ चबाने या निगलने में भी परेशानी महसूस हो रही है. करीब एक माह तक तलोजा सेंट्रल जेल में बंद स्टेन स्वामी ने कोर्ट को दिए अपने आवेदन में कहा कि वह पर्किंसन के कारण अपने हाथ में एक गिलास भी नहीं पकड़ सकते. अनेक लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर 83 वर्षीय जेसुइट के सहज अनुरोध के लिए एनआईए की प्रतिक्रिया की निंदा की।कोर्ट जेल परिसर के बाहर से यह सामग्री लाने की इजाजत दे सकती है. उसने इस मामले की सुनवाई 26 नवंबर तक के लिए टाल दी है.एनआईए की प्रतिक्रिया की निंदा  सामाजिक कार्यकर्ता जेसुइट फादर सेड्रिक प्रकाश ने कहा, "एनआईए की ओर से फादर स्टेन स्वामी के अनुरोध पर यह प्रतिक्रिया न केवल असंवेदनशील है, बल्कि बिल्कुल अमानवीय है।

 

भारत के ख्रीस्तियों ने दलित मुक्ति रविवार मनाया

कलीसिया, समाज और देश में दलित ख्रीस्तियों के साथ भेदभाव जारी है। भारत के काथलिक, प्रोटेस्टंट और ऑर्थोडॉक्स ख्रीस्तियों ने दलित स्वतंत्रता रविवार मनाते हुए दलित ख्रीस्तियों के लिए न्याय, अधिकार और प्रतिष्ठा की मांग की।भारत के ख्रीस्तियों ने दलित ख्रीस्तियों के प्रति एकात्मता एवं सामीप्य व्यक्त करते हुए 8 नवम्बर को दलित स्वतंत्रता रविवार मनाया। 2017 से भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अनुसूचित जाति-पिछड़ा वर्ग हेतु कार्यालय एवं कलीसियाओं की भारतीय परिषद (प्रोटेस्टंट और ऑर्थोडॉक्स कलीसियाएँ) नवम्बर माह के दूसरे रविवार को दलित स्वतंत्रता रविवार मनाने के लिए एक साथ आये ।

 

प्रधानमंत्री मोदी जी ने जेसुइट की मौत पर शोक जताया

स्पेन में रहने वाले गुजराती लेखक एवं लोकप्रिय साहित्यकार फादर कार्लोस गोंजालेस वाल्स का सोमवार को निधन हो गया। वह 95 साल के थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी जी ने शोक जताया। मोदी जी ने लिखा, ''फादर वाल्स ने विशेष रूप से गुजरात में खुद को लोकप्रिय बना लिया। उन्होंने खुद को गणित और गुजराती साहित्य जैसे कई क्षेत्रों में प्रतिष्ठित किया। वह समाजसेवा करने के लिए तत्पर रहते थे। उनके निधन से दुखी हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।''फादर वाल्स का जन्म 4 नवंबर, 1925 को स्पेन के लॉग्रोनो में हुआ था। वह 15 साल की उम्र एक मिशनरी के रूप में भारत आए थे। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय में गणित पढ़ाने लगे थे।

 

संत पिता ने अफ्रीका में अपहरण के शिकार पुरोहित से मुलाकात की

संत पिता  फ्राँसिस ने सोमवार को इताली पुरोहित पियरलुईजी मेक्काली से वाटिकन में मुलाकात की, जिनका अपहरण जिहादी आतंकवादियों ने 17 सितम्बर 2018 को नाईजर से किया था और दो सालों तक कैद में रखने के बाद 8 अक्टूबर को रिहा कर दिया।फादर पियरलुईजी ने सोमवार को संत पिता  फ्राँसिस से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद दिया।संत पिता से मुलाकात करने के उपरांत उन्होंने  कहा, "मैं प्रभावित था, मैंने अपनी आपबीती संत पिता को सुनाई और अपनी प्रार्थना उन्हें समर्पित की, विशेषकर, उन समुदायों के लिए जहाँ उन्होंने काम किया, जो 2 सालों तक बिना पुरोहित के थे। उन्होंने  संत पिता से नाईजर की कलीसिया के लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया।"

 

ईसाई महिला की मौत में बलात्कारऔर हत्या का संदेह

पंजाब राज्य में तीन महीने पहले एक ईसाई महिला की रहस्यमय मौत ने  एक नया मोड़ ले लिया है, जिसमें कहा गया है कि उसके शव के साथ दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई लेकिन पुलिस ने मामले को कवर कर लिया।अमृतसर शहर के एक निजी अस्पताल में नर्सिंग सहायक के रूप में काम करने वाली 20 वर्षीय ज्योति विलियम का शव 16 अगस्त को उनके किराए के आवास में पाया गया था। मृत महिला की बड़ी बहन वीनस विलियम का दावा है कि उसकी बहन का बलात्कार किया गया और फिर उसे मारने और उसे आत्महत्या जैसा बनाने के लिए जहर का इंजेक्शन लगाया गया । वीनस ने कहा कि उसकी बहन का शव बिस्तर पर था। "उसके पैर में खून के धब्बे पाए गए थे, और उसके एक जूते में खून भरा हुआ था। उसकी बाईं आंख और गर्दन पर चोट के निशान थे और शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन थी।""उसके निजी अंगों को भी ठीक से कवर नहीं किया गया था, यह दर्शाता है कि उसके साथ बलात्कार किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी। उसके दाहिने हाथ में कुछ कपास था जैसे कि किसी ने उसे यह साबित करने के लिए रखा कि उसने जहर का इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली है," वीनस ने कहा। "अगर उसने जहर का इंजेक्शन लगाया और खुद को मार लिया, तो इतना खून और चोटें कैसे हो सकती हैं?

 

माता बेर्नादेत्त एवं सहयोगियों के पवित्र अवशेष की घर वापसी की रजत जयन्ती मनाई गई

संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ राँची ने स्थानीय कलीसिया के साथ मिलकर अपनी संस्थापिका ईश सेविका माता मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा एवं उनकी तीनों सहयोगियों के पवित्र अवशेष की घर वापसी की रजत जयन्ती मनायी। संत अन्ना की पुत्रियों के लिए यह एक ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय दिन था।आदिवासियों का विश्वास है कि पूर्वजों के अवशेष की घर वापसी के द्वारा उनकी आत्मा अपने लोगों के बीच होती तथा दैनिक कार्यों में उनकी मदद करती है।इस अवसर पर राँची के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो येसु समाजी ने राँची स्थित संत अन्ना के मूलमठ में समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित किया और ईश सेविका माता मेरी बेर्नादेत एवं धर्मसंघ की प्रथम समुदाय की धर्मबहनों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

वारिस मजहर ने अन्य धर्मों के साथ आपसी समझ को बढ़ाने का आग्रह  किया।

वारिस मजहर पारंपरिक रूप से प्रशिक्षित इस्लामिक विद्वान हैं। वह डिपार्टमेंट ऑफ इस्लामिक स्टडीज, जामिया हमदर्द, नई दिल्ली में पढ़ाते हैं। उन्होंने दार उल-उलूम देवबंद से स्नातक किया, जो दुनिया के सबसे बड़े पारंपरिक इस्लामी सेमिनारों में से एक था, और उन्होंने इस्लामिक स्टडीज विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से डॉक्टरेट किया। उन्होंने इस्लाम, मुस्लिम और विभिन्न संबंधों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से लिखा है। एक साक्षात्कार में, मज़हरी ने जेसुइट फादर जोसेफ विक्टर एड्विन से उनके जीवन, काम और इस्लाम, मुसलमानों और अंतर-धर्म समझ और अंतर-सामुदायिक सद्भाव से संबंधित मुद्दों पर बात की। उन्होंने अन्य धर्मों के साथ आपसी समझ को बढ़ाने का आग्रह किया।

 

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